आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुणे में तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अवॉर्ड की राशि को नमामि गंगे योजना में देने का ऐलान किया।
लोकमान्य तिलक पुरस्कार पाकर भावुक हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “यह मेरे लिए एक यादगार पल है। मैं यहां आकर जितना उत्साहित हूं, उतना ही भावुक भी हूं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति, मान्यताएं, ये सब पिछड़ेपन का प्रतीक हैं लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया। इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल खुद आगे आकर तिलक जी को लोकमान्यता दी बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया और महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा है।
पीएम मोदी ने देशवासियों को समर्पित किया अवॉर्ड
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें जब कोई अवॉर्ड मिलता है, तो उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है और जब उस अवॉर्ड से तिलक जी का नाम जुड़ा हो, तो दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं।
1983 में हुई थी इस पुरस्कार की शुरुआत
लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को उनके ‘‘सर्वोच्च नेतृत्व’’ और ‘‘नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने’’ के लिए लोकमान्य तिलक नेशनल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।