हाथरस भगदड़ में 121 मौतें, सीएम योगी ने लिया घटनास्थल का जायजा, बोले- हादसा या षड्यंत्र…होगी न्‍यायिक जांच

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

इस हादसे के बाद से ही सीएम योगी एक्शन में हैं। बुधवार को सीएम खुद हाथरस पहुंचे और यहां उन्होंने अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और फिर सीधे हाथरस जिला अस्पताल पहुंच गए जहां उन्होंने हादसे में घायल हुए लोगों का हाल चाल जाना और डॉक्टरों को सभी घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए।

इस दौरान सीएम योगी मृतकों के परिजनों से भी मिले और उनके साथ हुए हादसे के बारे में जानकारी ली और साथ ही अपनी ओर से सांत्वना और संवेदना भी प्रकट की। इससे पूर्व सीएम योगी ने पुलिस लाइन में घटना के प्रत्यक्षदर्शियों से भी मुलाकात कर हादसे के विषय में जानकारी ली। सीएम योगी ने दो टूक कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बरसते पानी के बीच घटनास्थल पहुंचे सीएम योगी

घायलों से मिलने के बाद सीएम योगी हाथरस के सिकंदराराऊ में उस स्थान पर भी पहुंचे, जहां भगदड़ मची थी। सीएम योगी के साथ तीनों मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी व स्थानीय विधायक भी मौजूद थे। अलीगढ़ की मंडलायुक्त ने सीएम योगी को हादसे से जुड़ी एक-एक घटना के विषय में विस्तार से जानकारी दी। बरसते पानी के बीच सीएम योगी ने भगदड़ वाले स्थल का भी जायजा लिया और आवश्यक निर्देश प्रदान किए।

हाथरस में घटनास्थल का मुआयना और समीक्षा करने के साथ-साथ घायलों से मिलने के बाद सीएम योगी ने प्रेस वार्ता की। सीएम योगी ने कहा, ”इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिए शासन स्तर पर हमने कल भी व्यवस्था बनाई थी लेकिन हमारी प्राथमिकता राहत-बचाव कार्य थी। इस हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई जो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जुड़े हुए थे। जांच के लिए आगरा ADG की अध्यक्षता में SIT गठित की गई है। इस हादसे की हाई कोर्ट के जज से न्यायिक जांच भी कराई जाएगी।’

16 जनपदों के लोग हुए भगदड़ का शिकार

उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, मलिकपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, संभल, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, इन 16 जनपदों के लोग हादसे का शिकार हुए हैं। 121 में से 6 मृतक ऐसे हैं जो अन्य राज्यों से थे, जिसमे ग्वालियर से 1, हरियाणा से 4 और राजस्थान एक हैं। हाथरस के जिला अस्पताल में 31 ऐसे घायल हैं जो हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कैसे हुआ हादसा

सीएम ने कहा कि हादसे के चश्मदीद जो घायल हुए हैं, उनसे मैंने बात की, उनका कहना है कि हादसा कार्यक्रम के दौरान उस वक्त हुआ जब जो सज्जन यहां अपना सत्संग देने आए थे। जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ उसके बाद उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल दौड़ा तो उनके पीछे भीड़ गई, इसके बाद वो एक दूसरे के ऊपर चढ़ते रहे, सेवादार भी धक्का देते रहे, जिससे जीटी रोड के दोनों ओर यह हादसा हुआ।

लोग मरते गए..सेवादार भाग गए

कहा कि हादसे में लोग मरते गए और सेवादार वहां से भागते गए। हम इसकी तह तक जाएंगे। इस प्रकार के बड़े-बड़े आयोजन होते रहे हैं लेकिन कहीं भी इस तरह की घटना सामने नहीं आई। हमने कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए हैं, बड़े-बड़े कार्यक्रम हुए हैं, लेकिन हम इसकी तह में जाएंगे कि आखिर इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच

सीएम ने कहा कि हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि इस प्रकार की घटना हादसा नहीं होती, अगर हादसा भी है तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। अगर यह हादसा हुआ है तो इसके पीछे साजिश किसकी है, इन सभी पहलुओं की जांच के लिए राज्य सरकार ने तय किया है कि इसकी न्यायिक जांच की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इसकी जांच होगी। जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटना ना हो, इसके लिए जो भी सुझाव होंगे उसे लागू किया जाएगा।

पीड़ित परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा

सीएम ने कहा कि जो निर्दोष लोग इस हादसे के शिकार हुए हैं, उनके नाबालिग बच्चों को यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत पढ़ाई का इंतजाम कराएंगे। जहां भी पढ़ रहे हैं उनका खर्च वहन करेंगे। मृतक के परिजनों को 4 लाख की सहायता और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपए की सहायता दे रही है।

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मालूम हो कि हाथरस के सिकंदरराऊ इलाके के फुलरई गांव में मंगलवार को ‘भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। दर्जनों लोग घायल हैं। कई की हालत गंभीर है। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग टूट पड़े। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं शामि‍ल हैं।