गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल प्रदान किए। इस दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान और प्रगतिशील पद्मश्री किसान प्रेमचंद शर्मा को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।
दीक्षांत समारोह में कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं केन्द्रीय और राज्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
बुधवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में 2023-24 तक पाठ्यक्रम पूरा कर चुके 1172 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। इसके साथ ही विशिष्ट उपलब्धि के लिए एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक सहित 13 कुलपति स्वर्ण पदक, 12 रजत पदक व 12 कांस्य पदक सहित दो छात्राओं को भारतरत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल अवार्ड के तहत दो स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा साथ विद्यार्थियों को विशिष्ट उपलब्धि के लिए नकद पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में जाकर आप जैसे ऊर्जावान युवाओं से मिलकर मुझे अधिक प्रसन्नता होती है। खासकर अपनी बेटियों की निरंतर उपलब्धियों से मुझे गर्व का अनुभव होता है। मुझे इस बात को लेकर संतोष होता है कि हमारे देश का भविष्य आप जैसे प्रतिभावान युवाओं के हाथों में सुरक्षित है।
राज्यपाल ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय ने पिछले छह दशकों में कृषि क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देकर भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संस्थान कृषि नवाचार, सतत विकास, और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता आ रहा है।
केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए बधाई देते हुए बदलते वातावरण के अनुसार शोध एवं प्रसार करने के लिए वैज्ञानिकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यहां से उपाधि प्राप्त कर देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी अच्छे पदों पर कार्यरत हैं।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों, उनके अभिवावकों एवं गुरूजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करने के बाद छात्र महत्वपूर्ण संस्थानों में अपना योगदान दे रहें है। उन्होंने कहा कि आठ हजार कृषकों को मौन पालन से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 2025 तक जैविक खेती का स्तर 50 प्रतिशत से अधिक होगा। उनके द्वारा श्री अन्न के उत्पादन पर बल दिया गया और कहा कि सरकार द्वारा मंडुवा के अलावा अन्य मोटे अनाजों पर भी सब्सिडी मिलनी चाहिए।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में प्रतिभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और यहां के उपलब्धियों की चर्चा की तथा देश को आगे ले जाने में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान का बहुत महत्व है। निरंतर नये शोध के द्वारा हम अपनी खाद्यान्न की मांग को पूरा करते हुए आत्मनिर्भर बने रहेंगे। जेनेटिक मॉडिफिकेशन जैसे नयी तकनीक का प्रयोग कर वातावरण की चुनौतियों से निपटा जा सकता है। पद्मश्री श्री प्रेम चन्द्र शर्मा ने अपने अनुभवों को साझा किया और उन्होंने वातावरण को शुद्ध रखने के लिए जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर बल दिया।