देवभूमि में दंगारोधी विधेयक को मिली राज्यपाल की मंजूरी, अब नुकसान पहुंचाने पर पाई-पाई होगी वसूल

property damage recovery bill: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके तहत दंगों या विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की पूरी वसूली की जाएगी और दंगाइयों पर आठ लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि उत्‍तर प्रदेश और हरियाणा में पहले से ये कानून लागू है।

सीएम धामी ने जताया राज्यपाल का आभार 

उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का आभार जताया। साथ ही सीएम धामी ने कहा कि इस कानून के तहत, दंगाइयों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। यही नहीं, दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की वसूला जाएगा। सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। ऐसे में इस कानून को राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

विधानसभा सत्र में लाया गया था विधेयक

दरअसल, पिछले महीने गैरसैंण में हुए मानसून विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में अध्यादेश के रूप में लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। सदन की कार्रवाई के दौरान विधेयक सर्वसम्मत से पारित होने के बाद राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। जिस पर राज्यपाल का अनुमोदन होने के बाद अब कानून बन गया है। इस कानून के तहत विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, आंदोलन, दंगों और बंद के दौरान सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की वसूली की जाएगी।

उपद्रवियों और दंगाइयों से होगी पाई पाई वसूली

इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए एक दावा अभिकरण का भी गठन किया जाएगा। जिस दावा अभिकरण में कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी, अपना दावा पेश कर सकता है। हालांकि, इन सभी दावों का निस्तारण करने के लिए एक समय सीमा भी तय की जाएगी, ताकि नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द कराई जा सके। कानून में किए गए प्रावधान के अनुसार, अगर कोई आंदोलन या बंद के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो फिर इसकी भरपाई आंदोलन या फिर बंद का आह्वान करने वाले संबंधित व्यक्ति या नेता से की जाएगी। यही नहीं, नुकसान संपत्ति की भरपाई के साथ ही 8 लाख रुपए तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी खर्च भी देना होगा।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुआ था दंगा

सीएम धामी ने कहा कि यह देश का सबसे कठोर दंगा विरोधी कानून है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में दंगों के दौरान भारी मात्रा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इस नुकसान को देखते हुए सरकार ने कानून बनाने का संकल्प लिया। मार्च में अध्यादेश के तौर पर यह कानून पहली बार प्रस्तुत किया गया था।

ये भी पढ़ें 👉:उत्तराखंड में 1094 जूनियर इंजीनियरों को बांटे गए नियुक्ति पत्र, कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़े सीएम धामी

बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की गई जमीन पर अवैध तरीके से बनाये गये एक धार्मिक स्थल को गिराये जाने के बाद वहां दंगा भड़क गया था। दंगाइयों ने काफी उपद्रव मचाया था। दंगाइयों ने एक थाने और वहां खड़े वाहनों में भी आग लगा दी थी। घटना में 6 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा कई पुलिस कर्मी और पत्रकार घायल हो गए थे।