School Blast: हरियाणा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स ने साइंस के पीरियड में ऐसा खतरनाक दिमाग लगाया है, जिसे सुनकर हर कोई दंग है।
दरअसल, हरियाणा के भिवानी के बोपाड़ा गांव के सरकारी स्कूल में बीते शनिवार को कक्षा-12 में साइंस पीरियड के दौरान अचानक धमाका हो गया था। इस धमाके से महिला टीचर की कुर्सी उड़ गई थी। धमाका इतना जबरदस्त था कि कुर्सी के तले में छेद हो गया था और महिला टीचर घायल होने से बाल-बाल बच गई थीं।
इस घटना के बाद हंगामा मच गया था। जांच में सामने आया था कि क्लास के ही बच्चों ने साइंस टीचर की डांट-फटकार से गुस्सा होकर यह कारनामा अंजाम दिया है। इस घटना की सूचना शिक्षा विभाग को भी दी गई थी। इसके बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने भी प्रिंसिपल से घटना की जानकारी ली थी।
सौंपी थी जांच
शिक्षा विभाग की एक जांच टीम जिला शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता के नेतृत्व में बुधवार को स्कूल में पहुंची। इस घटना में शामिल कक्षा-12 के सभी 15 बच्चे और ग्राम पंचायत सदस्यों को भी स्कूल बुलाया गया था। बच्चे के माता-पिता भी मौके पर तलब किए गए थे। जांच में सामने आया कि 15 में से 13 बच्चे इस घटना में शामिल थे, जो उस दिन कक्षा में आए थे।
यूट्यूब से सीखकर बनाया था रिमोट बम
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए स्टूडेंट्स ने यूट्यूब पर रिमोट बम बनाने की तरकीब देखकर सीखी थी। इसके बाद पटाखा बम लेकर उसे रिमोट बम में बदला गया था। एक बच्चे ने बम बनाया था, जबकि दूसरे ने कुर्सी के नीचे फिट किया था। तीसरे बच्चे ने रिमोट से बटन दबाकर बम में धमाका किया था।
‘बम बनाने का मॉडल बनाकर पेश करते तो हम सम्मानित करते’
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यदि इन बच्चों ने अपने शैतानी दिमाग से रिमोट बम बनाने का मॉडल तैयार करके दिखाया होता तो हम उन्हें सम्मानित करते, लेकिन ऐसी हरकत के लिए उन्हें माफी नहीं दी जा सकती है। बच्चों को रेस्टीकेट करने पर चर्चा हुई है। हालांकि उनके परिजनों ने लिखित में माफी मांगी है। साइंस टीचर ने भी बच्चों को माफ करने का आग्रह किया है।
आरोपी छात्रों पर एक्शन
हमने सरकारी स्कूल की कक्षा में बम फोड़ने की घटना को शुरुआत से ही गंभीरता से लिया था। इस मामले की जांच कराई गई। पंचायत में इस बात पर निर्णय हुआ है कि इस प्रकरण में शामिल सभी 13 विद्यार्थियों को सात दिन के लिए विद्यालय से निष्कासित किया है। -नरेश महता, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी