वर्दी, आईडी के साथ फर्जी कर्नल हुआ गिरफ्तार
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था फर्जी कर्नल
सेना से ड्राइवर के पद से 10 साल पहले हुआ था रिटायर्ड
UP STF ने फर्जी कर्नल सत्यपाल को गिरफ्तार करने में हासिल की सफलता
मेरठ: सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले फर्जी कर्नल को UP एसटीएफ मेरठ फील्ड यूनिट ने मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सत्यपाल सिंह यादव सेना में चालक पद से रिटायर्ड है। वह कर्नल डीएस चौहान के नाम की प्लेट लगाकर युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। जबकि कर्नल के बेटे और बेटी मौका देख फरार हो गए । आरोपी ने बताया कि उसने यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के सैकड़ों युवाओं के साथ ठगी की।
आरोपी के पास से पांच ज्वाइनिंग लेटर, पांच स्टांप, एक प्रिंटर, एक कर्नल की वर्दी और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद हुआ है। कई और अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वह कई राज्यों के युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपी के खिलाफ गंगानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
13 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुका था आरोपी
एसटीएफ ने बताया की फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह लोगों को झांसे में लेने के लिए फौजी की वर्दी पहनता था। इसके अलावा अपने साथ कुछ लड़कों को भी रखता था। ये लड़के भी आर्मी यूनिफॉर्म में फर्जी कर्नल के साथ ही रहते थे। इस तरह सामने वाले पर अपना प्रभाव जमाकर पैसे ऐंठता था। अब तक 30 से 40 युवकों से लगभग 13 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम ठग चुका है। शिकायत पर एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलीजेंस सत्यपाल सिंह के पीछे लगी थी।
दसवीं फेल फर्जी, 1985 में इंडियन आर्मी में हुआ था भर्ती
इंटेलिजेंस और STF की पूछताछ में पता चला की सत्यपाल 1985 में इंडियन आर्मी में भर्ती हुआ था। 2003 में वह नायक की रैंक पर ड्राइवर की पोस्ट से रिटायर हुआ था। सत्यपाल खुद 10 वीं फेल है। उसकी पोस्टिंग मेरठ, लखनऊ सेंटर, सिक्किम, अमृतसर, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में रही है। रिटायरमेंट के 3 साल बाद सत्यपाल को पैरालिसिस हो गया था। इसके बाद सत्यपाल ने पैसा कमाने के लिए यह तरीका निकाला।
सेना से ड्राइवर के पद से 10 साल पहले हुआ था रिटायर्ड
एसटीएफ के अनुसार, सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करण सिंह सेना में चालक पद से रिटायर हुआ था। वह पुणे में तैनात कर्नल डीएस चौहान की गाड़ी चलाता था। रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह ने कर्नल डीएस चौहान के नाम की प्लेट बनवाई। कर्नल की वर्दी पहनकर एक फर्जी फोटो आईडी भी तैयार कर ली थी।
पूरा परिवार ठगी में है शामिल
इंटेलिजेंस और STF की पूछताछ में फर्जी कर्नल सत्यपाल ने बताया की वह खुद को भारतीय सेना के भर्ती केंद्र का कर्नल बताकर लड़कों को झांसे में लेता था। आगे का काम उसका बेटा रजत करता था। सत्यपाल पर 2019 में मेरठ में धारा 420, 406, 506 मुकदमा भी हो चुका है। सत्यपाल का बेटा रज, उर्फ देवेंद्र और इसकी बेटी भी इस काम में अपने पिता और भाई का साथ देती थी। रजत अपने लैपटॉप पर टाइप करके प्रिंट निकलता। यही फर्जी लेटर वह अलग-अलग जगहों से स्पीड पोस्ट करता था।
एलडीसी क्लर्क भर्ती के नाम पर लखनऊ में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
पूछताछ में फर्जी कर्नल ने बताया कि उसने सुनील यादव, उसकी बहन पूनम कुमारी को फौज में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती करने का लालच दिया था। इस भर्ती के लिए सत्यपाल ने सुनील से 16 लाख रुपए 2 साल पहले लिए थे। यह रकम लेकर सत्यपाल ने सुनील और उसकी बहन पूनम दोनों के नाम मई में जॉइनिंग लेटर दिया था। जॉइनिंग लेटर मिलने के बाद पूनम और सुनील 7 मई को लखनऊ रिक्रूटमेंट ऑफिस हेड क्वार्टर 236 एमजी रोड लखनऊ कैंट 2 पहुंचे। यहां पता चला कि यह जॉइनिंग लेटर फर्जी है उन्होंने उनकी शिकायत पर मुकद्दमा दर्ज हुआ था ।
आर्मी इंटेलिजेंस और STF को भी धमकाया
जिस समय आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ की टीम ने आरोपी सत्यपाल के घर पर छापा मारा तब उलटे उसने टीम को धमकाया। उसने कहा, मैं कर्नल हूं सब पर मुकदमा कर दूंगा। लेकिन जैसे ही सख्ती हुई तो सारा सच उगलता चला गया।