“देहरादून में पहला अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन: 17 देशों के प्रवासियों ने की विकास में भागीदारी की पहल”

17 देशों के प्रवासी उत्तराखंडियों का ऐतिहासिक समागम

देहरादून में रविवार, 12 जनवरी 2025 को पहले अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इस आयोजन में 17 देशों से आए उत्तराखंड मूल के प्रतिष्ठित प्रवासियों ने हिस्सा लिया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन का उद्देश्य विदेशों में बसे उत्तराखंडियों को राज्य की जड़ों से जोड़ना और उनके अनुभवों व निवेशों का लाभ उठाना था।

सम्मेलन की खास बातें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर आयोजित इस सम्मेलन में उत्तराखंड के सांस्कृतिक परंपराओं से प्रवासियों का स्वागत किया गया। पारंपरिक लोकगीतों और नृत्य के साथ एयरपोर्ट और होटलों पर प्रवासियों का अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया और प्रवासी उत्तराखंडियों को “राज्य के ब्रांड एंबेसडर” के रूप में मान्यता दी।

चार प्रमुख सत्रों पर केंद्रित चर्चा

सम्मेलन में विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए चार प्रमुख सत्र आयोजित किए गए:

  1. उद्योग और स्टार्टअप: विनिर्माण, ऊर्जा, और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर मंथन।
  2. पर्यटन और वेलनेस: उत्तराखंड को योग और वेलनेस का वैश्विक केंद्र बनाने पर जोर।
  3. कौशल विकास और रोजगार: युवाओं के कौशल विकास और विदेश में रोजगार के अवसरों पर चर्चा।
  4. कृषि और जड़ी-बूटी: हर्बल मेडिसिन और ऐरोमेटिक पौधों में निवेश की संभावनाओं पर विचार।

प्रमुख प्रतिभागियों की उपस्थिति

सम्मेलन में दुनियाभर से आए प्रतिष्ठित प्रवासी उत्तराखंडियों ने हिस्सा लिया, जिनमें शामिल थे:

  • गिरीश चंद्र पंत (दुबई, प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित)
  • देव रतूड़ी (चीन, हॉस्पिटैलिटी विशेषज्ञ)
  • डॉ. अनिता शर्मा (अमेरिका, स्वास्थ्य क्षेत्र की विशेषज्ञ)
  • भुवन तिवारी (जापान)
  • सुनील थपलियाल और मीनाक्षी डबराल (सिंगापुर)
  • डॉ. ए.के. काला (थाईलैंड)

निवेश की संभावनाओं पर चर्चा

इस सम्मेलन में उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई नीतियों की घोषणा की गई। प्रवासी उत्तराखंडियों ने राज्य में निवेश करने और रोजगार सृजन की प्रतिबद्धता जताई।

मुख्यमंत्री का संदेश

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा,

“उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को बचाने के साथ-साथ राज्य को विकास के नए आयाम देने में प्रवासी उत्तराखंडियों का सहयोग महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों को हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया।

पहला अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन उत्तराखंड के विकास और प्रवासी समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।