Nikaay Chunaav: मतदाता सूची से गायब हुआ हरदा का नाम, BJP ने कसा तंज

रिपोर्ट -सोनू उनियाल

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत गुरुवार को राज्य में हुए 100 नगर निकाय चुनावों में अपना वोट नहीं डाल पाए। दरअसल, कांग्रेस नेता हरीश रावत का वोट देहरादून नगर निगम के वार्ड नंबर 76 में आता है। गुरुवार 23 जनवरी को उन्होंने अपने बूथ पर वोट डालने के लिए पार्टी कार्यकर्तओं से अपनी मतदाता सूची से पर्ची लाने के लिए कहा। हरीश रावत के समर्थकों ने पूरी सूची खंगाल ली लेकिन, लिस्ट में उनका नाम नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से वो अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट नहीं दे पाए।

वोट नहीं डाल पाए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 

कांग्रेस नेता ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि मुझे बहुत निराशा हो रही है कि मैं अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाया। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि चुनाव आयोग का कंप्यूटर सर्वर खराब है, जिससे समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।

हरीश रावत ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे अधिक सतर्क रहना चाहिए था, क्योंकि मैं जानता था कि बीजेपी वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने में शामिल है।उन्होंने कहा कि अब मतदाताओं को अपने मतदान सूची में नाम की सुरक्षा खुद करनी होगी। उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने की है, लोग उस गलती को ना दोहराएं और मतदाता सूची में उनका नाम दर्ज है, इसकी खुद निगरानी करें। वहीं कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब है।

वोटिंग लिस्ट से नाम गायब पर भाजपा का पलटवार 

वहीं अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हरीश रावत पर पलटवार किया है। महेंद्र भट्ट ने कहा की हरीश रावत मतदान को लेकर कितने जागरूक है इसका पता इस बात से चलता है की वो मतदान के दिन अपने मत को ढूंढ़ने निकले है। महेंद्र भट्ट ने आगे कहा की शायद हरीश रावत को यह पता ही नहीं की वो मतदाता कहा के हैं । कभी वो हरिद्वार से चुनाव लड़ते है कभी उधमसिंह नगर से तो कभी अल्मोड़ा से चुनाव लड़ते है।

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हरीश रावत को तो यही नहीं पता है कि वो ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता है या फिर निकाय के वोटर। महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब चुनाव के दिन हार होने लगती है तो आरोप के लिए कुछ रास्ते ढूंढ़ें जाते है। देहरादून में अपना मतदान ढूंढने का उनका एक मात्र यहीं लक्ष्य है। महेंद्र भट्ट ने इस तरह की परिस्थितियों का निर्माण करके हरीश रावत सिर्फ और सिर्फ दिखावटी नाटक कर रहे है। ऐसे नाटक करना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को शोभा नहीं देता।