सोना पहली बार 82 हजार रुपए पार, 31 दिन में दाम ₹6,003 बढ़े; चांदी ₹993 चढ़कर 93,177 रुपए प्रति किलो पर पहुंची
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2024: आम बजट पेश होने से एक दिन पहले सोने की कीमतों ने ऑल-टाइम हाई छू लिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 862 रुपए बढ़कर 82,165 रुपए हो गया है। गुरुवार को 10 ग्राम सोने की कीमत 81,303 रुपए थी। वहीं, चांदी की कीमत भी 993 रुपए बढ़कर 93,177 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।
सोने और चांदी में उछाल के कारण
- जियो-पॉलिटिकल टेंशन: ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से वैश्विक अनिश्चितता बढ़ी है।
- ब्याज दरों में कटौती: अमेरिका और UK द्वारा ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड ETF की मांग बढ़ी है।
- रुपए का कमजोर होना: डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से सोना महंगा हो रहा है।
- महंगाई का दबाव: बढ़ती महंगाई ने सोने को सुरक्षित निवेश बना दिया है।
- शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: निवेशक शेयर बाजार के बजाय गोल्ड ETF की ओर रुख कर रहे हैं।
2024 में सोने और चांदी का प्रदर्शन
सोना: 1 जनवरी 2024 को सोने की कीमत 63,352 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो 31 दिसंबर 2024 तक 76,162 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। इस तरह, सोने ने 22% का रिटर्न दिया।
- चांदी: 1 जनवरी 2024 को चांदी की कीमत 73,395 रुपए प्रति किलो थी, जो 31 दिसंबर 2024 तक 86,017 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई। चांदी ने 19% का रिटर्न दिया।
प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें
- दिल्ली: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 77,450 रुपए और 24 कैरेट सोने की कीमत 84,480 रुपए है।
- मुंबई: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 77,300 रुपए और 24 कैरेट सोने की कीमत 84,330 रुपए है।
- कोलकाता: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 77,300 रुपए और 24 कैरेट सोने की कीमत 84,330 रुपए है।
- चेन्नई: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 77,300 रुपए और 24 कैरेट सोने की कीमत 84,330 रुपए है।
- भोपाल: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 77,350 रुपए और 24 कैरेट सोने की कीमत 84,380 रुपए है।
- विशेषज्ञों की राय
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, “अमेरिका और UK में ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड ETF की मांग बढ़ेगी। इस साल 30 जून तक सोना 85,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।”
सोने और चांदी में यह उछाल निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन गया है, खासकर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के इस दौर में।