देहरादून। प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की रीडिंग और बिलिंग संबंधित शिकायतों में अप्रत्याशित रूप से कमी आएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट मीटर बिना किसी शुल्क के बदले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त बिजली मीटर हैं, जिनका नियंत्रण उपभोक्ता के हाथ में होगा। इससे उपभोक्ता को बिजली खपत की जानकारी, आवश्यक सूचनाएं, बिजली उपयोग की तुलना और भुगतान के विभिन्न विकल्प मिलेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो भारत सरकार के सहयोग से सभी राज्यों में लागू किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि वर्तमान में यूपीसीएल उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र, सीएम हेल्पलाइन और विभागीय शिविरों में सबसे अधिक शिकायतें बिलिंग और रीडिंग को लेकर आती हैं। अब स्मार्ट मीटर लगने से मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त होगा, जिससे बिलिंग संबंधी शिकायतों में अप्रत्याशित कमी आएगी।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को अपनी खपत का विवरण मोबाइल एप पर उपलब्ध होगा, जिससे वे अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे। साथ ही, विद्युत फॉल्ट या सप्लाई बाधित होने की सूचना भी तुरंत विभाग तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा, रूफटॉप सोलर लगाने पर यही मीटर नेट मीटर की तरह कार्य करेगा।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने यह भी बताया कि पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने पर उपभोक्ताओं से कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा। वर्तमान में भारत सरकार के निर्देशानुसार पोस्टपेड मीटर ही लगाए जा रहे हैं। हालांकि, यदि कोई उपभोक्ता स्वेच्छा से प्रीपेड मीटर की सेवा लेना चाहता है, तो उसे घरेलू कनेक्शन पर लागू विद्युत दरों में 4 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को 3 प्रतिशत की छूट मिलेगी