सहकारी समिति चुनाव का मामला: कांग्रेस ने सरकार पर लगाया धांधली का आरोप

COOPERATIVE SOCIETIES ELECTIONS: सोमवार को जिले की बहुउद्देशीय किसान सहकारी समितियों में प्रबंध कमेटी के डायरेक्टर पदों के लिए दिनभर जमकर वोटिंग हुई। मंगलवार को सभापति चुने जाने थे। इस बीच हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण देहरादून ने निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी।

वहीं जिला सहकारी बैंक देहरादून के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता डॉक्टर केएस राणा ने बीजेपी सरकार पर सहकारी समितियों के चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर बुधवार को केएस राणा ने कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता की और अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने सरकार पर मनमाने तरीके से सहकारी समितियों के चुनाव कराने और उसे रोकने का भी आरोप लगाया।

कांग्रेस ने लगाया आरोप 

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर सहकारी समितियों के चुनाव प्रारंभ हुए, लेकिन सरकार ने समितियों के पुराने सदस्यों को चुनाव में भाग नहीं लेने के आदेश जारी करते हुए मताधिकार से वंचित कर दिया था। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए राना ने कहा कि इस पर कुछ सहकारी बंधुओें ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देशित किया कि चुनाव पुरानी पद्धति के आधार पर ही कराए जाएं। लेकिन भाजपा सरकार ने न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना कर नई पद्धति से ही चुनाव कराने की घोषण कर दी। जिसके अनुसार 2021 से पूर्व बने हुए सदस्यों को विगत तीन वर्षो में समिति से लेन देन नहीं होने की स्थिति में मताधिकार से वंचित किया गया। जबकि इसके बाद बने सदस्यों को लेनदेन की बाध्यता से मुक्त रखा गया।

इस प्रकार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 11 फरवरी 2025 को कर दी गई। 24 फरवरी को समिति के संचालक मंडल के चुनाव हुए। 25 फरवरी को समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और अन्य समितियों को भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया जाना था, लेकिन 24 फरवरी की रात्रि 10 बजे यह सूचना प्राप्त हुई कि 25 फरवरी को होने वाले चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण से इसका कारण जानने का प्रयास किया गया, लेकिन विभाग की ओर से कोई कारण नहीं बताया गया। जबकि सहकारी समिति अधिनियम के नियम 17 में स्पष्ट उल्लेख है कि चुनाव प्रारम्भ होने के बाद किसी भी दशा में चुनाव स्थगित नही किए जा सकते। उस चुनाव को रोका नहीं जा सकता है। इसीलिए हाईकोर्ट ने आजतक किसी भी चुनाव को रोका नहीं है। धारा-16 में चुनाव रोकने या रद्द करने का कारण भी दिया है।

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चुनाव सिर्फ किसी प्रत्याशी की मौत, आपदा या फिर बवाल होने पर ही रोका जा सकता है। इस चुनाव में न कोई हिंसा हुई न ही कोई आपदा आई न ही किसी प्रत्याशी की मौत हुई। फिर चुनाव क्यों रोका गया? उन्होंने आरोप लगाया कि इस सबके पीछे विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत हैं, जो अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी का जवाब

उधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी का जवाब भी आया है। बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता सिर्फ आरोप लगाने की बन चुकी है। कांग्रेस जब भी हारती तो वो सिस्टम या फिर भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाना शुरू कर देती है। जनता ने कांग्रेस को सिरे से नकार दिया है। इसीलिए बौखलाहट और निराशा ने कांग्रेस ऐसे आरोप लगा रही है।