Shaurya Chakra: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखण्ड के शहीद कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। शहीद कैप्टन 48 राष्ट्रीय राइफल में सिग्नल अधिकारी थे और जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुये थे।
Defence Investiture Ceremony 2025 (Phase-I): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के प्रथम चरण में देश के जांबाज सैनिकों को शौर्य चक्र और अन्य वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया। यह सम्मान उन सैन्यकर्मियों को प्रदान किए गए जिन्होंने सैन्य सेवा के दौरान बहादुरी, साहस और बलिदान का परिचय दिया।
छह कीर्ति चक्र और 33 शौर्य चक्र प्रदान किए
कार्यक्रम में चार मरणोपरांत समेत छह कीर्ति चक्र और सात मरणोपरांत समेत 33 शौर्य चक्र प्रदान किए गए। समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित रहे।
इस गरिमामय अवसर पर देश ने अपने उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि और सम्मान दिया, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी या असाधारण साहस का परिचय दिया। समारोह देश की सैन्य परंपरा और वीरता के प्रति सम्मान का प्रतीक बना।
उत्तराखंड के शहीद कैप्टन को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखण्ड के शहीद कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। शहीद कैप्टन 48 राष्ट्रीय राइफल में सिग्नल अधिकारी थे।
14 अगस्त 2024 को कैप्टन दीपक सिंह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुये थे। वह डोडा के अस्सर में सर्च ऑपरेशन करने वाली एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे।
आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अद्वितीय साहस और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक, कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स की 48 राष्ट्रीय राइफल्स के वीर शहीद, उत्तराखण्ड के अमर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को मरणोपरांत शौर्य चक्र से अलंकृत किया।
अगस्त 2024 में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान… pic.twitter.com/5Zv5YqdLWL
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 22, 2025
2020 में सेवा में भर्ती हुए थे दीपक सिंह
मूलरूप से अल्मोड़ा (वर्तमान में देहरादून, कुआंवला) के रहने वाले कैप्टन दीपक सिंह ने 12वीं तक की पढ़ाई सेंट थामस स्कूल से की थी। दीपक सिंह सिर्फ 25 वर्ष के थे । उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से रिटायर हो चुके हैं। दीपक सिंह दो बहनों में अकेले भाई थे। उन्होंने 13 जून 2020 में सेवा में कमीशन पाया था। बता दें कि वह राष्ट्रीय राइफल्स में कैप्टन के साथ-साथ हॉकी के शानदार खिलाड़ी भी थे।
राष्ट्रपति ने शहीद जवानों के परिवारों को लगाया गले
समारोह में इस दौरान मेजर आशीष ढोंचक (सेना मेडल) और द सिख लाइट इन्फेंट्री 19 राष्ट्रीय राइफल्स सिपाही प्रदीप सिंह को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो बार डाइस से नीचे उतरकर शहीद जवान के परिवारों को गले से लगाया।
शौर्य चक्र पाने वालों की पूरी सूची
राष्ट्रपति ने कुल 33 जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इनमें राजपूत रेजिमेंट की 44वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स के विजय वर्मा, सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार, सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर/जीडी जेफरी हिंगचुल्लो, एयरफोर्स के विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन, स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार, जम्मू और कश्मीर पुलिस के स्पेशल पुलिस अधिकारी अब्दुल लतीफ, जम्मू कश्मीर राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल सूबेदार संजीव सिंह जसरोटिया, 666 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन कर्नल पवन सिंह शामिल हैं।
इसके अलावा लिस्ट में 56 राष्ट्रीय राइफल्स तोपखाना रेजिमेंट, नायब सूबेदार (अब सूबेदार) पी पाबिन सिंघा, 34 राष्ट्रीय राइफल्स के आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल मेजर साहिल रंधावा, पैराशूट रेजिमेंट वीएस निखिल, 34 राष्ट्रीय राइफल्स की मेजर त्रिपतप्रीत सिंह, लेफ्टिनेंट कमांडर कपिल यादव, सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट लखवीर, सहायक कमांडेंट राजेश पांचाल, सीटी/जीडी मलकीत सिंह, सूबेदार मोहन राम और आईएनएस कोलकाता के कमांडिंग ऑफिसर, कमोडोर शरद सिंसुन्वाल का नाम भी है।
वहीं, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस, सार्जेंट डाभी संजय हिफ्फाभाई, मेजर कुणाल, मेजर आशीष दहिया, हवलदार प्रकाश तमांग, मेजर सतेंद्र धनखड़, सहायक कमांडेंट एशेंथुंग किकोन और सूबेदार विकास तोमर, को भी शौर्य चक्र से नवाजा गया है, जबकि मेजर आशीष धोंचक, सिपाही प्रदीप सिंह, हवलदार रोहित कुमार, सीटी/जीडी पवन कुमार, दीवान, विजयन कुट्टी और कैप्टन दीपक सिंह को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया है।
कीर्ति चक्र से ये हुए सम्मानित
राष्ट्रपति ने मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू और मेजर मंजित को कीर्ति चक्र नवाजा है, जबकि राइफलमैन रवि कुमार, कर्नल मनप्रीत सिंह, पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल भट और नाइक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।