विश्व शांति दिवस आज, जानें क्‍यों कबूतर बन गए शांति के प्रतीक

International Day of Peace 2023: हर साल 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा उठाया गया था। इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में होने वाली हिंसक घटनाओं और संघर्षों को रोकना और पूरे विश्व में शांति को बढ़ावा देना है।


संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्‍व शांति का अर्थ केवल हिंसा न होना नहीं है, बल्कि ऐसे समाजों का निर्माण है जहां सभी को यह अहसास हो कि वे आगे बढ़ सकते हैं और फल-फूल सकते हैं। हमें एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहां सभी के साथ उनकी जाति, नस्‍ल, धर्म की परवाह किए बिना समान व्यवहार किया जाए।

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 सितंबर, 1981 को प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें पूरे विश्व में युद्धविराम, शांति और मैत्रीपूर्ण समाज बनाने की कल्पना की गई थी। इस तरह प्रत्येक वर्ष सितंबर के तीसरे मंगलवार के दिन को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। विश्व का पहला अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर, 1982 को मनाया गया और शांति को बढ़ावा देने की ओर यह पहला कदम था। इस दौरान वर्ष 2001 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व शांति दिवस को 21 सितंबर को एक निर्धारित आधिकारिक तिथि घोषित कर दी गई है।

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस शांति को बढ़ावा देने, सतत विकास को बढ़ावा देने और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने के लिए हमारी सामूहिक जिम्मेदारी के एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है जहां सभी व्यक्ति कामयाब हो सकते हैं। यह एक अधिक शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण वैश्विक समाज की खोज में प्रतिबिंब, कार्रवाई और एकता का दिन है।

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की थीम 

हर साल इसे एक विशेष थीम पर मनाया जाता है।  इस साल अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की थीम है ‘End racism. Build peace.’ जिसका अर्थ है ‘नस्‍लवाद खत्‍म करें, शांति स्‍थापित करें’।

 कबूतर बन गए शांति के प्रतीक

माना जाता है कि बाइबल’ के एक प्रसंग में कबूतर विश्व की मानवता की सहायता के लिए प्रकट हुए थे। इसके अलावा प्रसिद्ध चित्रकार पिकासो ने भी अपनी पेंटिंग में कबूतर को एक शांति के दूत के रूप में चित्रित किया है। इन प्रमुख कारणों की वजह से अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के शुभ अवसर के दिन शांति के प्रतीक के तौर पर इन सफेद कबूतरों को आजाद कर दुनिया को शांति का संदेश दिया जाता है।

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पंचशील के सिद्धांत

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए दुनिया को पांच मूल मंत्र दिए थे, जिन्हें ‘पंचशील के सिद्धांत’ के नाम से जाना जाता है। यह पांच मंत्र है…..

  • एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना।
  • एक दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कार्यवाही नहीं करना।
  • एक दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप नहीं करना।
  • समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना।
  • शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति में विश्वास रखना।

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