NH 74 Scam: राजधानी में एनएच 74 घोटाले में रिटायर पीसीएस अफसर डीपी सिंह के राजपुर स्थित निवास व उनके अन्य ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार सुबह छापा मारा। डोईवाला शुगर मिल में कार्यकारी निदेशक डीपी सिंह के देहरादून में राजपुर रोड पर स्थित घर पर टीम पहुंची है। सीतापुर और बरेली स्थित घर में भी छापा पड़ा है। बताया जा रहा है कि हरिद्वार में एक अफसर और काशीपुर में एक वकील के घर भी टीम पहुंची।
रिटायर पीसीएस अफसर डीपी सिंह के ठिकानों पर ईडी का छापा
इस घोटाले में एनएच 74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित जमीन के उपयोग को बदलने का आरोप लगा था और सरकारी खजाने पर करीब 162.5 करोड़ के नुकसान की बात सामने आई थी। सूत्रों के मुताबिक, टीम को कुछ नए बैंकिंग दस्तावेज, मुआवज़ा भुगतान से जुड़ी पुरानी फाइलें और ज़मीन से संबंधित रजिस्ट्री रिकॉर्ड खंगालने की जरूरत थी। सुरक्षा के लिहाज़ से पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था। बताया जा रहा है कि ईडी को कुछ ऐसे लेनदेन की जानकारी मिली है जो मुआवज़ा वितरण से सीधे तौर पर जुड़े हैं।
क्या है पूरा मामला?
एनएच-74 मुआवजा घोटाला ( NH 74 Scam) उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटालों में एक माना गया है। यह घोटाला त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार बनने के तत्काल बाद सामने आया था। इस पूरे घोटाले की जड़ें 2011 से 2016 के बीच बिछी थीं, जब काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, गदरपुर जैसे क्षेत्रों में एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए किसानों से ज़मीन अधिग्रहित की गई थी। लेकिन किसानों को मुआवज़ा देने के नाम पर ज़मीनों को ‘कृषि’ से ‘वाणिज्यिक’ श्रेणी में दिखाकर करोड़ों रुपये का सरकारी पैसा गलत तरीके से बांटा गया। जिस ज़मीन की कीमत 2-3 लाख प्रति बीघा थी, उसे 20-25 लाख दिखाकर मुआवज़े के नाम पर ₹300–₹400 करोड़ का घोटाला कर दिया गया। घोटाले में प्रशासनिक अफसर, लेखपाल, दलाल और कुछ राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई थी।
मार्च 2017 में तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी. सेंथिल पाण्डियन की रिपोर्ट के बाद SIT का गठन किया गया और 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। PCS अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह (D.P. Singh) ने नवंबर 2017 में सरेंडर किया था और 14 महीने जेल में भी रहे। हाईकोर्ट से उन्हें ज़मानत मिली, लेकिन मामला वहीं ठंडे बस्ते में चला गया था।
अब सालों बाद फिर से ईडी की सक्रियता इस बात की ओर इशारा कर रही है कि जांच एजेंसियां घोटाले के ‘गुंबद’ के अंदर छुपी परतों को खोलने के लिए फिर से कमर कस चुकी हैं।