Uttarakhand: SSP का तबादला कर देना चाहिए…कोर्ट में गुस्सा हुए चीफ जस्टिस, लगाई जमकर फटकार

Uttarakhand: हाईकोर्ट में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अपहरण के मामले को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने एसएसपी को जमकर फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने मामले को बेहद गंभीर बताया और पुलिस-प्रशासन से सवाल किया कि कैसे पोलिंग बूथ पर हथियारबंद लोग पहुंच गए? इस एसएसपी का तुरंत तबादला कर देना चाहिए। कानून व्यवस्था चुनाव के दौरान पूरी तरह से फेल रही है।

अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी

मामले की सुनवाई अब मंगलवार 19 अगस्त को होगी। इस बीच, कांग्रेस ने पुनर्मतदान की मांग करते हुए नई याचिका दाखिल की है, जिस पर सरकार ने आपत्ति जताई है।

हाई कोर्ट ने मानी सुरक्षा में भारी चूक

हाईकोर्ट ने इस पूरे घटनाक्रम पर गंभीर चिंता जताई और चुनाव के दौरान सुरक्षा चूक को बड़ी असफलता माना। अदालत ने टिप्पणी की कि मतदान केंद्र से मात्र 200 मीटर की दूरी पर हथियारबंद गिरोह का पहुंचना पुलिस और खुफिया विभाग की नाकामी है। मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “एसएसपी का तो तबादला कर देना चाहिए।” अदालत ने एसएसपी और जिलाधिकारी से विस्तृत शपथपत्र मांगा है।

क्या है पूरा मामला?

नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण से खलबली मच गई हैं। वोट देने के लिए जाने के दौरान जिला पंचायत कार्यालय के पास हुई घटना के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों ने हंगामा कर दिया और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। प्रकरण के हाईकोर्ट पहुंचने के बाद अंत में चुनाव स्थगित हो गया है। अब नैनीताल में जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव दोबारा होंगे।

वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़ी डीएम

मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह की ओर से हाईकोर्ट में बयान दिया गया कि वह चुनाव आयोग को इसका प्रस्ताव भेजेंगी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष यह बयान दिया। अब आयोग की ओर से निर्धारित तिथि के बाद ही नैनीताल जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। मामले में एसआई की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। देर शाम तक अपहरण हुए सदस्यों का पता पुलिस नहीं लगा पाई है।

नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा से दीपा दरमवाल और कांग्रेस से पुष्पा नेगी चुनाव मैदान में थीं। प्रशासन की ओर से बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय के पांच सौ मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर बैरिकेडिंग कर दी गई। नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सुबह 10 बजे मतदान शुरू हो गया। मतदान के लिए कुछ जिला पंचायत प्रत्याशी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृयदेश व पूर्व विधायक संजीव आर्य के साथ जू रोड से जिला पंचायत कार्यालय की ओर निकले ही थे कि अचानक रंग-बिरंगी बरसाती पहने लगभग 10 से 12 अज्ञात लोगों ने जिला पंचायत सदस्यों को रोककर मारपीट शुरू कर दी। इससे पहले जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेसी कुछ समझ पाते अज्ञातों ने जिला पंचायत सदस्यों को पकड़कर खीचना शुरू कर दिया। इस दौरान बीच-बचाव कर रहे कांग्रेसियों के साथ भी अज्ञातों ने धक्कामुक्की की। देखते ही देखते अज्ञातों ने सदस्यों को खींचते हुए लगभग 100 मीटर तक सड़क पर घसीटा और मॉलरोड पर पार्क वाहन में डालकर सदस्यों को अगवा कर लिया।

 

अपहरण की घटना के बाद कांग्रेसी नेताओं ने हंगामा कर भाजपा और पुलिस पर आरोप लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया। 12 लोगों के वोट डालने के बाद जिला पंचायत कार्यालय में मतदान रुक गया। घटना से गुस्साए कांग्रेसी लगभग 11:30 बजे न्याय की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट के आदेश पर लगभग डेढ़ बजे पुलिस सुरक्षा के साथ कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी समेत 10 जिला पंचायत सदस्यों को मतदान कराया गया। पर पुलिस अपहरण हुए पांच सदस्यों का पता नहीं लगा पाई। शाम को हाईकोर्ट में डीएम ने बताया कि वह चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए इसका प्रस्ताव भेजेंगी।

 

वहीं, एसआई सतीश उपाध्याय की ओर से दी शिकायत में कहा गया है कि चुनाव के दौरान जिला पंचायत परिसर के समीप सड़क पर दो तीन वाहनों से कुछ लोग आए। इन्हें रोककर बताया कि जिला पंचायत की ओर केवल सदस्य ही अपना प्रमाण पत्र और आधार कार्ड दिखाकर जा सकते हैं। इस दौरान मौके पर मौजूद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इन्हें हटाने का प्रयास किया गया। कुछ देर बाद दोनों पक्षों की ओर से उनके सदस्यों के गुम होने की बात कही गई। एसपी डॉ.जगदीश चंद्र ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 140 (3), 174, 221 व 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पांचों जिला पंचायत सदस्यों की खोजबीन की जा रही है।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की सुरक्षा चाक-चौबंद

इस बीच, हाईकोर्ट परिसर और आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सात प्लाटून पीएसी के अलावा अल्मोड़ा, उधम सिंह नगर, बागेश्वर और अन्य जिलों की पुलिस को तैनात किया गया है। साथ ही बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है ताकि अनावश्यक रूप से कोई भी व्यक्ति अदालत परिसर में न घुस सके।