Haridwar: “एक घंटा, एक दिन, एक साथ”…..हर की पैड़ी पर चलाया गया जन जागरूकता रैली और जन-जागरण अभियान

Haridwar: जनमानस में हरिद्वार की हृदयस्थली हर की पैड़ी में “एक घंटा, एक दिन, एक साथ” की थीम पर हरिद्वार में गुरुवार को आईटीसी मिशन सुनहरा कल एवं श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेरक जागरूकता रैली और जन-जागरण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य केवल गंगा तट की सफाई करना नहीं था, बल्कि लोगों को यह समझाना भी था कि गंगा की स्वच्छता हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

जागरूकता रैली

गंगा घाट से शुरू हुई रैली में प्रतिभागियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर स्वच्छता के नारे लगाए।

स्थानीय दुकानदारों से आग्रह किया गया कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करें और कचरे का सही निस्तारण करें।

पंपलेट वितरण एवं प्रशिक्षण

नागरिकों को पंपलेट के माध्यम से बताया गया कि गीले और सूखे कचरे को कैसे अलग करें।

गीले कचरे से घर पर खाद बनाने की सरल प्रक्रिया समझाई गई।

सूखे कचरे को स्वच्छ दूतों को सौंपने के लाभ गिनाए गए, जिससे न केवल सफाई होगी बल्कि आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

गंगा घाट पर विशेष अपील

घाटों पर श्रद्धालुओं और पंडितों से विशेष निवेदन किया गया कि वे आने वाले श्रद्धालुओं व अपने यजमानों को गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रेरित करें।

स्नान के बाद प्लास्टिक और गीले वस्त्र घाट पर न छोड़कर केवल निर्धारित डस्टबिन में डालने का संदेश दिया गया।

घाट पर बने कपड़े बदलने के सेट की नियमित साफ-सफाई का संकल्प लिया गया।

जनसहभागिता

इस अभियान में लगभग 500 श्रद्धालुओं की भागीदारी रही।

गंगा के पवित्र तट पर सामूहिक रूप से लोगों ने गंगा को स्वच्छ रखने की प्रतिज्ञा ली।

गंगा का महत्व

गंगा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और जीवनदायिनी धारा है।

गंगा को माँ कहा जाता है और करोड़ों लोगों की आस्था उनसे जुड़ी हुई है।

गंगा जल को पवित्र और रोगनाशक माना जाता है।

सिंचाई, पीने के पानी और उद्योगों के लिए गंगा करोड़ों लोगों का सहारा है।

गंगा का उल्लेख वेदों, पुराणों और महाकाव्यों में मिलता है – इसे मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कहा गया है।

यदि गंगा प्रदूषित होती है, तो न केवल आस्था आहत होती है बल्कि करोड़ों लोगों का जीवन भी प्रभावित होता है।

जागरूकता के दौरान स्वच्छता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

गंगा के जल में विशिष्ट जीवाणुनाशक गुण हैं, जो तभी सुरक्षित रह सकते हैं जब हम इसमें गंदगी न डालें।

प्लास्टिक, सीवर और रसायनों का निस्तारण गंगा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि नदियों को अपशिष्ट मुक्त रखा जाए और जलचक्र को प्रदूषण रहित बनाए रखा जाए।

सामूहिक संदेश

गंगा हमारी धरोहर, माता और जीवनरेखा है।

स्वच्छ गंगा – स्वस्थ भारत” केवल नारा नहीं, बल्कि हर भारतीय का संकल्प होना चाहिए।

जब हर नागरिक एक घंटा, एक दिन, एक साथ गंगा और अपने आसपास की सफाई के लिए देगा, तभी स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा।

विशेष सहभागिता

इस अभियान में श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम एवं मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत कई कार्यकर्ताओं और सहयोगियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इनमें प्रमुख रूप से – शिखा सैनी आदित्य सैनी लुबना अंसारी बबली सुशीला मलिक वनिता रावत दीपिका सोनी भावेश भुवन दीपक सौरभ बबीता रावत इन सभी ने अपने-अपने प्रयासों से अभियान को सफल और प्रभावशाली बनाया।

निष्कर्ष

“स्वच्छता ही सेवा – स्वच्छ उत्सव 2025” का यह आयोजन हरिद्वार में एक सामूहिक चेतना और जन-जागरण का प्रतीक रहा। गंगा की निर्मल धारा को बनाए रखना केवल सरकार या किसी संस्था की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।

संदेश

“गंगा स्वच्छ तो जीवन पवित्र।”

“गंगा हमारी माता है – उसकी रक्षा हमारा धर्म है