नोबेल पुरस्कार: कैसे मिलता है, कितनी होती है प्राइज मनी और क्यों 50 साल तक रखा जाता है सीक्रेट? जानें हर बात

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025 |Bi tv Uttarakhand News Desk
हर साल अक्टूबर का महीना विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में योगदान देने वालों के लिए बेहद खास होता है. इसी महीने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान — नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) — के विजेताओं की घोषणा होती है. इस साल 6 से 13 अक्टूबर के बीच फिजियोलॉजी, फिजिक्स, साहित्य और शांति के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम सामने आने वाले हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर नोबेल पुरस्कार मिलता कैसे है, इसकी प्राइज मनी कितनी होती है और क्यों इसका नामांकन 50 साल तक गुप्त रखा जाता है? आइए जानते हैं विस्तार से—

नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई

नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के वैज्ञानिक, बिजनेसमैन और एंटरप्रेन्योर अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की मृत्यु के बाद हुई थी. अपनी वसीयत में उन्होंने अपनी अधिकांश संपत्ति इस शर्त पर छोड़ी थी कि इससे उन लोगों को पुरस्कृत किया जाए जिन्होंने “मानव जाति के लिए सबसे बड़ा उपकार किया हो.”
पहला नोबेल पुरस्कार सन् 1901 में प्रदान किया गया था और तब से हर साल इसे अलग-अलग श्रेणियों में दिया जाता है.

 कौन-कौन सी कैटेगरीज में मिलता है नोबेल

अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, ये पुरस्कार पांच मुख्य क्षेत्रों में दिए जाते हैं —

  • फिजिक्स (भौतिकी)

  • केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान)

  • फिजियोलॉजी या मेडिसिन (चिकित्सा)

  • लिटरेचर (साहित्य)

  • पीस (शांति)

साल 1968 में, स्वीडिश सेंट्रल बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) में भी एक नया पुरस्कार शुरू किया, जो अब आधिकारिक तौर पर नोबेल से जुड़ा माना जाता है.

 नोबेल शांति पुरस्कार सिर्फ नॉर्वे में ही क्यों दिया जाता है

अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में यह स्पष्ट था कि शांति पुरस्कार का चयन नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी गई पांच-सदस्यीय समिति करेगी. उस समय स्वीडन और नॉर्वे एक संघ का हिस्सा थे, इसलिए यह जिम्मेदारी नॉर्वे को दी गई थी. बाकी सभी नोबेल पुरस्कार स्वीडन की संस्थाओं द्वारा घोषित किए जाते हैं.

कितनी होती है नोबेल प्राइज मनी

वर्तमान में हर नोबेल पुरस्कार की प्राइज मनी 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK) है, जो लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब ₹10 करोड़) के बराबर है.
विजेताओं को एक डिप्लोमा, 18 कैरेट का गोल्ड मेडल, और कैश अवॉर्ड दिया जाता है.

 कहां से आती है पुरस्कार की राशि

अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति को एक फंड में बदल दिया गया था, जिसे सुरक्षित निवेशों में लगाया गया. आज भी इसी फंड से अर्जित ब्याज से हर साल पुरस्कारों की राशि दी जाती है.

कितने लोग साझा कर सकते हैं नोबेल पुरस्कार

एक नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन लोगों के बीच साझा किया जा सकता है.
शांति पुरस्कार के मामले में इसे किसी संगठन को भी दिया जा सकता है.
नोबेल फाउंडेशन के नियमों में साफ लिखा है — “किसी भी स्थिति में पुरस्कार राशि तीन से अधिक व्यक्तियों के बीच विभाजित नहीं की जा सकती.”

विजेताओं का चयन कैसे होता है

हर श्रेणी की अपनी चयन समिति होती है, लेकिन सभी समितियाँ अल्फ्रेड नोबेल की मूल भावना — “मानवता के हित में सबसे बड़ा योगदान देने वालों को सम्मानित करना” — के अनुसार ही निर्णय लेती हैं.

 क्या मरणोपरांत दिया जा सकता है नोबेल?

नहीं, नोबेल पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिया जा सकता, सिवाय उस स्थिति के जब घोषणा के बाद विजेता का निधन हो जाए.
जैसे 2011 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन के विजेता राल्फ स्टीनमैन की घोषणा के बाद निधन हो गया था, तब उन्हें यह पुरस्कार मान्य माना गया क्योंकि घोषणा से पहले उनकी मृत्यु की जानकारी नहीं थी.

50 साल तक क्यों रखा जाता है नामांकन सीक्रेट

नोबेल फाउंडेशन के नियमों के अनुसार, किसी भी नामांकन से जुड़ी जानकारी 50 वर्षों तक सार्वजनिक नहीं की जा सकती.
यह नियम न सिर्फ नामांकित व्यक्तियों पर बल्कि नॉमिनेटर्स और चयन समिति की राय पर भी लागू होता है. इसका उद्देश्य प्रक्रिया को राजनीतिक या सामाजिक दबावों से मुक्त रखना है.

नोबेल डे कब मनाया जाता है

हर साल 10 दिसंबर को नोबेल डे (Nobel Day) मनाया जाता है — यह अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि भी है. इसी दिन विजेताओं को स्टॉकहोम (स्वीडन) और ओस्लो (नॉर्वे) में पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

नोबेल पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करने वाले मस्तिष्कों की पहचान है. चाहे विज्ञान में नई खोज हो या साहित्य में अमर लेखन — नोबेल विजेताओं की कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती