76 दिन सिर्फ 40 मिनट की रात! जहाँ 2 महीने तक नहीं उगता सूरज, जानें दुनिया के अजब-गजब राज

दुनिया का एक ऐसा देश जहां 76 दिनों तक रात केवल 40 मिनट की होती है!

धरती अपने अंदर कई अद्भुत रहस्य समेटे हुए है, जिनमें से कुछ तो विज्ञान को भी हैरान कर देते हैं। ऐसी ही एक अनोखी घटना है ‘मिडनाइट सन’ यानी ‘आधी रात का सूरज’। यह नज़ारा आप नॉर्वे में देख सकते हैं, जहाँ गर्मियों के दौरान 76 दिनों तक पूरी तरह से सूरज अस्त नहीं होता।

क्या है ‘मिडनाइट सन’ का राज?

नॉर्वे यूरोप का वह देश है जो मई से जुलाई के बीच लगभग 76 दिनों तक लगातार धूप में नहाता रहता है। इस दौरान, रात सिर्फ़ 40 मिनट की होती है! सूरज रात 12:43 बजे के आसपास अस्त होता है और महज 40 मिनट बाद, लगभग 1:30 बजे तक फिर से उग आता है। यह घटना पृथ्वी के 66 डिग्री के अक्षीय झुकाव के कारण होती है, जिसकी वजह से नॉर्वे जैसे उत्तरी ध्रुव के नज़दीकी देशों में सूरज गर्मियों में क्षितिज के नीचे ही नहीं जाता।

वहीं, दूसरी तरफ है ‘पोलर नाइट’ का अँधेरा

जहाँ नॉर्वे में गर्मियों में लगातार उजाला रहता है, वहीं अलास्का (USA) के आर्कटिक क्षेत्र में स्थिति इससे उलट है। यहाँ हर साल लगभग 2 महीने तक सूरज बिल्कुल नहीं निकलता। इस घटना को “पोलर नाइट” कहा जाता है। इस दौरान पूरा इलाका गहरे अंधेरे में डूबा रहता है और लोगों का पूरा जीवन रात के समय के अनुसार चलता है। बच्चे रात में स्कूल जाते हैं और लोग रात में ही अपने दैनिक काम करते हैं।

नॉर्वे में सूरज न निकलने का समय

नॉर्वे में भी हर मौसम एक जैसा नहीं होता। अगर मई से जुलाई तक यहाँ लगातार धूप रहती है, तो नवंबर से जनवरी के बीच का समय पूरी तरह से अंधकारमय हो जाता है। इन तीन महीनों में सूरज दिखाई ही नहीं देता, खासकर उत्तरी नॉर्वे के इलाकों जैसे ट्रॉम्सो और फिनमार्क में।

पर्यटन की दृष्टि से खास

इस अद्भुत प्राकृतिक खेल को देखने के लिए दुनिया भर से हज़ारों पर्यटक नॉर्वे के आर्कटिक सर्कल वाले इलाकों का रुख करते हैं। ओस्लो के संग्रहालय, बर्गन के खूबसूरत फ्योर्ड, लोफोटन द्वीपों के मनोरम दृश्य और ट्रोम्सो से दिखने वाली उत्तरी ध्रुव की रोशनी (नॉर्दर्न लाइट्स) पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

नॉर्वे के अलावा और कहाँ होती है ऐसी घटना?

नॉर्वे के अलावा, आइसलैंड भी एक ऐसा देश है जहाँ मई के अंत से जुलाई के अंत तक सूरज लगभग 24 घंटे चमकता रहता है और पारंपरिक अर्थों में रात का अनुभव नहीं हो पाता।

धरती का यह अनोखा खेल हमें प्रकृति की शक्ति और विज्ञान के चमत्कार दोनों का अहसास कराता है