Dehradun: स्वास्थ्य बदहाली को लेकर उक्रांद का सीएमओ को ज्ञापन, एक सप्ताह में संज्ञान ना लेने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी 

Dehradun: महानगर अध्यक्ष देहरादून परवीन चंद रमोला के नेतृत्व में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कई मांगो को लेकर देहरादून की लचर स्वास्थ्य सेवाओं के विषय में अवगत कराया गया।

महानगर अध्यक्ष परवीन रमोला ने कहा की उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी देहरादून में जिस प्रकार से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। उससे प्रतिदिन मरीजों को हों रही परेशानियों के साथ-साथ अपनी जान गंवानी पड़ती है, यह प्रदेश सरकार के लिए डूब मरने वाली बात है।

हाल ही में अभी देहरादून के सिंह आई हॉस्पिटल में ऐसे ही लापरवाही का मामला देखने को मिला, जिसमें की महिला के डिलीवरी के समय डॉक्टर द्वारा बड़ी लापरवाही की गई, जिससे महिला की जान चले गई और ऐसी घटनाओं के देहरादून में रोज कहीं मामले देखने को और सुनने को मिलते हैं, यहां भी बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।

वहीं केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने कहा कि देहरादून में वर्तमान में निजी अस्पताल कुकुर्मुत्तों की तरह खुल गए हैं जो बिना क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के संचालित किये जा रहे हैं, साथ ही वहाँ पर गैर मान्यता प्राप्त डॉक्टरों को बिठाया जा रहा है।

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सैन्य प्रकोष्ठ से अनुप बिष्ट ने कहा कि देहरादून के अंतर्गत आने वाले पैथोलॉजी लैब में तय सीमा से ज्यादा राशि ली जा रही है, ना ही क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट् एक्ट का पालन किया जा रहा है, यदि एक सप्ताह के भीतर बिंदुओं पर संज्ञान नहीं लिया गया तो, उक्रांद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

ज्ञापन देने में किरन रावत, राजेश्वरी रावत, दिनेश नेगी, बहादुर सिंह रावत, संजीव भट्ट, अनुप बिष्ट, गजेंद्र नेगी, भोला दत्त चमोली, राकेश ध्यानी, सूफी खालिक, गिरीश कोठारी कामना बीजालवाँण, राजेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।