Tehri: भिलंगना ब्लॉक में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती महिलाओं की जान पर भारी पड़ रही है। दो माह में ही 18 नवंबर को तीसरी गर्भवती महिला की मौत ने खराब स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है।
टिहरी जिले के भिलंगना विकासखंड में एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक और गर्भवती की जान रेफर होने के बाद रास्ते में चली गई।

गांव से महज एक किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद तो स्वीकृत है, लेकिन कोई डॉक्टर तैनात नहीं है। यही वजह थी कि 24 वर्षीय नीतू पंवार को मजबूरी में रेफर किया गया। लेकिन आधे रास्ते में ही ज़िंदगी ने नीतू का साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया। घटना के बाद श्रीकोट गांव में शोक पसरा है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर कड़ा रोष जताते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
वहीं टिहरी सीएमओ डॉ. श्याम विजय ने कहा कि भिलंगना ब्लॉक में श्रीकोट गांव की गर्भवती नीतू को सीएचसी बेलेश्वर में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया था लेकिन ताछिला के पास उसकी मौत हो गई। प्राथमिक जांच में पता चला है कि उसका बीपी काफी ज्यादा बढ़ गया था। घटना की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई है। गर्भावस्था के दौरान सभी जांच जरूरी करानी जानी चाहिए।
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बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जहाँ सिर्फ लापरवाही, उपेक्षा और व्यवस्था की कमी ने कई ज़िंदगियाँ छीन लीं। जिसमें अनीशा रावत, रवीना कठैत और अब नीतू पंवार शामिल हैं।
अब सवाल यही है पहाड़ का दर्द आखिर कब खत्म होगा?
कब तक गर्भवती महिलाएं अभाव में रास्तों पर दम तोड़ती रहेंगी?
