कलम सिंह बिष्ट उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल तहसील के सीमांत गाँव मुन्दोली के रहने वाले हैं। वह एक पूर्व सैनिक हैं जिन्होंने भारतीय सेना की 4th गढ़वाल में सेवा दी है। सेना से 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्य और साहसिक खेलों को समर्पित कर दिया है।
कार्यों के लिए जाने जाते हैं।
सामाजिक कार्य: “मुन्दोली राइडर्स क्लब”
कलम सिंह बिष्ट ने 2023 में “मुन्दोली राइडर्स क्लब” नामक एक गैर-पंजीकृत संस्था की स्थापना की। यह क्लब हिमालयी महिलाओं, गरीब और वंचित बच्चों और ग्रामीणों के विकास के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करता है।
क्लब द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में शामिल हैं:
अल्ट्रा रनिंग और साइक्लिंग (MTB)
माउंटेनियरिंग
आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस)
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी (जैसे अग्निवीर)
संगीत, नृत्य और सार्वजनिक बोलचाल
अनुशासन, पर्यावरण और स्वच्छता
उनका उद्देश्य है कि पहाड़ का युवा नशे से दूर रहे, आत्मनिर्भर बने और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त करे। वर्तमान में इस क्लब से लगभग 370 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं।
कलम सिंह बिष्ट न केवल एक शानदार एथलीट हैं, बल्कि हिमालयी क्षेत्रों के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी हैं।
यह अंतरराष्ट्रीय दौड़: The Himam Adventure द्वारा 11 से 13 दिसंबर 2025 तक मध्य पूर्व के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में विश्वभर के 68 देशों के धावकों ने भाग लिया।
विभिन्न श्रेणियों — 120 km, 60 km, 35 km, 20 km और 10 km— में कुल 45,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
दुर्गम और चुनौतीपूर्ण मार्ग
यह ट्रेल दौड़ 120 किमी अल हमरा से शुरू होकर बिर्कत अल मौज़ तक चली। रास्ते में पथरीली पहाड़ियाँ, कठिन चढ़ाइयाँ, रेगिस्तानी हिस्से और ऐतिहासिक पहाड़ी मार्ग शामिल थे, जो किसी भी धावक की सहनशक्ति और मानसिक मजबूती की कड़ी परीक्षा लेते हैं।
कलम सिंह बिष्ट की शानदार जीत:
भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कलम सिंह बिष्ट ने 120 किलोमीटर की कठिन दौड़ को 18:00 घंटों में पूरा कर सभी देशों के शीर्ष धावकों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया।
उनकी यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि देश के युवाओं, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों के धावकों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
