IMA POP: चेहरे पर मुस्कान, दिलों में जज्बा , देशसेवा का प्रण…..देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में अफसर बनकर निकलने वालों में दो नाम चमोली जिले के प्रवीन बिष्ट और शशांक बिष्ट का भी है। दोनों युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है। दोनों की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी की लहर है।

सेना की वर्दी का जुनून ही ऐसा
प्रवीन बिष्ट कर्ण प्रयाग विकासखंड में कपीरी पट्टी के कनखुल गांव के निवासी है। प्रवीण ने अपनी शिक्षा देहरादून के क्लेमेंट टाउन क्षेत्र स्थित एक संस्थान से पूरी की। इस सपने को आकार देने में उन्हें अपने परिवार से खास प्रेरणा मिली। उन्होंने पिता और भाई को सेना की वर्दी में देखते-देखते ठान लिया था कि वह भी भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश सेवा करेगा। उनके पिता दिलबर सिंह बिष्ट भी सेना से सेवानिवृत्त है और उनका बड़ा भाई अरविंद बिष्ट भी अभी सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
जुनून का ‘जज्बा’, सच्ची लगन और मेहनत के बाद देशसेवा का प्रण
वहीं चमोली जिले के दशोली ब्लाक, खल्ला गांव के शशांक बिष्ट ने भी लेफ्टिनेंट बनकर ना सिर्फ क्षेत्र का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।

शशांक बिष्ट का सफर चमोली जिले के गोपेश्वर से शुरू हुआ। उन्होंने यहीं से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। शशांक के पिता सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं। जबकि दादा स्व शिवराज सिंह बिष्ट भी सेना में सूबेदार रहे, दादा के पदचिह्नों पर चलते हुए शशांक ने भी देशसेवा की राह चुनी और एनडीए और एसएसबी जैसी कठिन परीक्षाओं को पास करते हुए सैन्य परंपरा को आगे बढाया। शशांक की इस सफलता से खल्ला गांव सहित पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।
इन दोनों युवाओं की खास बात यह है कि वे अपने-अपने परिवारों में पहले ऐसे सदस्य हैं, जो सैन्य अधिकारी बने हैं। इस उपलब्धि को लेकर उनके परिजनों में गर्व और खुशी का माहौल है। चमोली के इन दो सपूतों की सफलता आज पहाड़ के युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है।
