HC से चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को मिली राहत, जांच पर लगी रोक

 25 जनवरी को एक आदेश जारी करके रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन पर वर्ष 2012-13 में नंदाराज जात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी का आरोप है।


नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी द्वारा वर्ष 2012-13 में नन्दा राजजात यात्रा के दौरान की गई अनियमिताओं की जाँच को रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के बाद वेकेशन जज न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने रजनी भंडारी को बड़ी राहत देते हुए जाँच पर रोक लगा दी है।

रजनी भंडारी को मिली बड़ी राहत

आपको बता दे कि रजनी भण्डारी ने अपनी याचिका में सरकार के 25 जनवरी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। भंडारी ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने जाँच करने में पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। जांच में भी पंचायती राज नियमावली का उल्लंघन किया गया है। पंचायतीराज नियमावली के अनुसार अनियमितता होने पर पहले जिला अधिकारी द्वारा प्रारंभिक जाँच की जानी थी परन्तु जिलाधिकारी द्वारा स्वयं जाँच न करके सीडीओ को जाँच सौप दी।

हाईकोर्ट ने जाँच पर लगाई रोक

सीडीओ ने जाँच कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जाँच करा दी। याचिका में कहा गया कि जो जाँच कराई गई इसमे किसी तरह की नियमावली का पालन नही किया गया इसलिए इसपर रोक लगाई जाय। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि वह निर्वाचित पदाधिकारी हैं और उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के चलते फंसाया जा रहा है।

25 जनवरी को रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था

पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर जांच की सिफारिश के बाद पंचायती राज विभाग की ओर से 25 जनवरी को एक आदेश जारी करके रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन पर वर्ष 2012-13 में नंदाराज जात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी का आरोप है।

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आरोप है कि उन्होंने इस दौरान अपने दायित्व का उचित निर्वहन नहीं किया है।याचिका में यह भी कहा गया है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया गया और अनियमितताओ के आरोप लगाए गए।