भाई-बहन के बेमिसाल प्यार पर बनी 1954 में ऐसी फिल्म, जो आज भी करती हैं आंखे नम

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

मुट्ठी में है तकदीर हमारी

हमने किस्मत को बस में किया है

….मोहम्मद रफी की आवाज से सजा ये गाना कितनी मासूमियत ओढ़े नजर आता है। 70 साल बाद भी जब कानों में पड़ता तो पुराना नहीं लगता है। जी हां, ये गाना फिल्म ‘बूट पॉलिश’ का है। जो 1954 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में 2 मासूम भाई-बहन के प्यार की ऐसी कहानी को दिखाया गया था। जो आज भी आपको भावुक कर देगी।

राखी Special:  दुनिया में भाई और बहन का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। एक ही घर में पले बढ़े भाई बहनों में नोकझोंक और प्यार का ऐसा सागर होता है जो कभी खाली नहीं होता। अब पूरे देश में रक्षाबंधन का माहौल है। तो ऐसे में आप आपने भाई-बहनों के साथ इस फिल्म को देख सकते हैं। जो भाई बहन के इस दिन को और भी खास बना देगी। फिल्म यूट्यूब पर भी मौजूद है।

भोली भाली मतवाली आँखों में क्या है

आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली

आने वाली दुनिया का सपना सजा है

भोला और बेलू की कहानी

फिल्म 2 बच्चों भोला और बेलू की हताश और नर्क जैसी जिंदगी की कहानी है। हमारे समाज के सबसे क्रूर लोगों के मुखौटे और समाज के सबसे समझदार लोगों को दिखाती ये फिल्म बांधकर रखती है।

भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे

ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे

मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है

दोनों बच्चों से भीख मंगवाती है मां

दरअसल कहानी पूरी तरह भावनाओं से भरी है। फिल्म में छोटा बच्चा जिसकी उम्र 10-12 साल है और 7-8 साल के भाई बहन रहते हैं। जिनकी सौतेली मां एक वैश्या है और दोनों को बुरी तरह प्रताड़ित करती है। इतना ही नहीं मां ही दोनों बच्चों से भीख मंगवाती है।

हमसे न छुपाओ बच्चो हमें तो बताओ

आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ

आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज होगा

न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज हो

बदलेगा ज़माना यह सितारों पे लिखा है

बूट पॉलिश कर भरता है अपना पेट

इसी दौरान दोनों की दोस्ती मोहल्ले के एक व्यक्ति जॉन से होती है। जॉन उन्हें भीख मांगने के काम की बुराई अवगत कराता है। इसके बाद भोला तय करता है कि वो भीख नहीं मांगेगा और बूट पॉलिश कर अपना पेट भरेगा। पैसे जोड़कर भोला और बेलू बूट पॉलिश करने लगते हैं लेकिन प्रकृति का कहर एक फिर किस्मत को चिकौटी काटती है। बारिश में ग्राहक आना बंद हो जाते हैं।

 

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

मुट्ठी में है तकदीर हमारी

हमने किस्मत को बस में किया है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

हर संकट में ढाल बनकर खड़ा रहता है भोला

वहीं मां भोला और बेलू के बूट पॉलिश के काम के बारे में पता चल जाता है। फिल्म की कहानी आगे बढ़ती और गंभीर होती जाती है। मुसीबत के दिनों में 12 साल का भोला अपनी बहन बेलू का खयाल रखता है और हर संकट में ढाल की तरह उसके आगे खड़ा हो जाता है। कहानी जब अपने कथारस पर पहुंचती है तो पलकें नम हो जाती हैं।

बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट थी फिल्म   

बता दें कि फिल्म को राज कपूर ने प्रोड्यूस किया था और डेविड अब्राहम ने दमदार रोल निभाया था। कुमारी नाज और रतन कुमार फिल्म में भाई बहन थे। फिल्म लोगों को खूब पसंद आई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म सुपरहिट रही थी। इस फिल्म को बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। साथ ही कांन्स फिल्म फेस्टिवल में नामित भी किया गया।