Air India Tragedy: ट्रैफ़िक बना जीवनदान, फ़्लाइट छूट जाने से थी निराश, फिर किया शुक्रगुज़ार…10 मिनट देरी ने कैसे बचाई भूमि की जान ?

Air India Tragedy: एक कहावत है ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’…….तकदीर ने ज़िंदगी लिखी थी इसलिए टिकट होने के बावजूद भी फ्लाइट में बैठ नहीं पाई थीं……जी हां, ये कहानी है भूमि चौहान की….जो अहमदाबाद फ्लाइट के लिए बस 10 मिनट लेट हो गईं थी इसलिए इन्हे एयरपोर्ट से निराश लौटना पड़ा था। लेकिन कुछ ही देर बाद वो इसके लिए शुक्रगुज़ार थीं। विमान हादसे का शिकार होने से बचीं भूमि ने अपने अनुभव को साझा किया है।

भूमि चौहान की कहानी 

30 साल की भूमि चौहान गुजरात के भरूच की रहने वाली है। 12 जून को भूमि को भी एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 से लंदन जाना था, लेकिन वह 10 मिनट की देरी से सरदार बल्लभभाई एयरपोर्ट पर पहुंचीं। यह वही फ्लाइट थी, जो बाद में हादसे का शिकार हो गई, जिसमें क्रू मेंबर समेत सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई।

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दो साल बाद छुट्टियां मनाने आई थीं भारत 

भूमि चौहान लंदन में रहती हैं। वह दो साल बाद छुट्टियां मनाने के लिए भारत आई थीं। उन्हें गुरुवार को एअर इंडिया की फ्लाइट से लंदन वापस जाना था। उन्होंने बताया कि उस दिन अहमदाबाद में ट्रैफिक जाम था, जिसके चलते मैं चेक-इन गेट पर सिर्फ 10 मिनट की देरी से पहुंची थी। वहां पहुंचने के बाद मुझे अंदर नहीं जाने दिया और मैं वापस लौट आई। भूमि ने बताया कि एयरपोर्ट पर उनसे कहा गया था कि अगर उन्हें अंदर जाने दिया जाता है, तो फ्लाइट में और देरी होगी। जिसके बाद वह एयरपोर्ट के बाहर आ गईं।

 ईश्वर की शुक्रगुजार हूं…10 मिनट की देरी ने बचा ली जान 

भूमि चौहान ने बताया कि इस दौरान जब उन्हें खबर मिली की विमान हादसे का शिकार हो गया है। तो मेरा दिमाग सुन्न हो गया। मैं कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं इसे कैसे समझाऊं। उन्होंने कहा कि जाम में फंसने से मुझे एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि भगवान द्वारा उत्पन्न की गई परेशानी से मेरी जान बच गई। मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरी यात्रा में जाम जैसे हालात पैदा कर मुझे हादसे का शिकार होने से बचा लिया।