Ankita Murder Case: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शुक्रवार को ही अदालत ने तीनों आरोपियों को 302, 201, 354, धाराओं में दोषी करार दिया था। तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने दिया।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी की ओर से जांच के बाद 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में फाइल की थी। इसमें 97 गवाहों को नामित किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इसमें से 47 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर सुनवाई पूरी की।
अंकिता हत्याकांड मामला क्या है?
पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास गंगा भोगपुर में वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम किया करती थी। बीते 18 सितंबर 2022 को अंकिता अचानक रिसोर्ट से लापता हो गई। परिजनों ने राजस्व पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन उचित कार्यवाही ना होने के चलते 21 सितंबर 2022 को मामला लक्ष्मण झूला थाना पुलिस को ट्रांसफर किया गया।
बीजेपी से पूरे परिवार को निकाला गया
21 सितंबर 2022 को मुख्य आरोपी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और डिप्टी मैनेजर अंकित गुप्ता की गिरफ्तारी हुई। बीते 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव ऋषिकेश की चीला नहर से बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत और शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए। 24 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर SIT का गठन किया गया। अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य, और उसके भाई अंकित आर्य को पद मुक्त करते हुए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया।
दाखिल हुई 500 पन्नों की चार्जशीट
फिर कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी ने इस मामले में 500 पेज की चार्जशीट तैयार की थी। 2 साल 8 महीने चली सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों को दोषी पाया है। इस मामले में 97 लोगों को गवाह बनाया गया था। इनमें से 47 अहम गवाहों को अदालत में पेश किया गया था।
जानिए कब क्या हुआ था?
- रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
- लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
- लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
- हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
- 22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
- 23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
- 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
- 24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
- 24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
- 26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
- विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
- 16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
- 30 मई 2025 को आया फैसला।
परिजनों की मांग पर 3 बार बदले गए सरकारी वकील
अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार बदले गए सरकारी वकील अंकिता की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया और अभी तक वह सलाखों के पीछे हैं। अंकिता भंडारी हत्या मामले में जांच के लिए SIT का गठन किया गया। आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी केस दर्ज हुआ। इस दौरान धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद दी गई। हालांकि सरकार ने अंकिता भंडारी के पिता और भाई को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन इस मामले में अभी तक कुछ भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।