Ankita Murder Case: अदालत के फैसले से बिलख पड़े अंकिता के माता-पिता, बोले- ‘फांसी मिलती, तभी मिलती सच्ची शांति’

Ankita Murder Case:  उत्तराखंड में बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया।

अंकिता के माता पिता खुश नहीं

आरोपियों को उम्रकैद की सजा के फैसले से अंकिता के माता पिता खुश नहीं है। कोर्ट से बाहर निकलते ही उनकी आंख से आंसू छलक पड़े। अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा कि अदालत से फांसी की उम्मीद थी। जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी उन्हें भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। कहा कि वे भी अपने जीते-जी अपनी बेटी के हत्यारों को फांसी पर लटके देखना चाहती थी। लेकिन, ऐसा न हुआ।

ये भी पढ़ें 👉:Ankita Murder Case: अंकिता भंडारी को 32 महीने बाद मिला “इंसाफ”, कोर्ट ने तीनों हत्यारों को सुनाई उम्रकैद की सजा

सोनी देवी ने कहा कि “जो अपराध मेरी बेटी के साथ हुआ, उसकी पीड़ा एक माँ ही समझ सकती है। इन आरोपियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए थी जो उदाहरण बनती” उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में आवश्यकता पड़ी तो वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगी।

चिल्ला नहर से मिला था अंकिता का शव 

ऋषिकेश के निकट वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता 18 सितंबर 2022 को अचानक गायब हो गई थी। पांच दिन बाद 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया था। मामला सामने आने के बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जब मामले की जांच शुरू हुई तो अंकिता को गायब करने, उसकी हत्या और शव को नहर में फेंकने में पुलकित आर्य और उसके दो साथियों की सहभागिता सामने आई।

कौन था वो वीआईपी?

जांच के क्रम में भी सामने आया कि पुलकित आर्या अपने रिजॉर्ट में कुछ वीआईपी गेस्ट को स्पेशल ट्रीटमेंट देता था। अंकिता भंडारी को भी वह एक वीआईपी गेस्ट के सामने परोसना चाहता था। रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता को यह मंजूर न था। इसी कारण अंकिता और पुलकित के बीच विवाद की शुरुआत हुई और अंकिता की हत्या कर दी गई।

आरोपियों पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय हुए थे। मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई थी, जिसने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें 97 गवाह नामित किए गए थे, जिनमें से अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को पेश किया था। मार्च 2023 में कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई और अब लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस पर फैसला आ चुका है।

ये भी पढ़ें 👉:Ankit Bhandari murder case: पूर्व मुख्यमंत्री ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत, बोले- जनता की उम्मीदों के मुताबिक मिला न्याय

कोर्ट ने भले ही आरोपियों को मामले में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई हो, लेकिन अभी तक उस वीआईपी का नाम सामने नहीं आ पाया है, जिसके पास जाने के लिए अंकिता भंडारी को मजबूर किया जा रहा था।