Ataaree Border: भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी बॉर्डर बंद होने से, किसका ज़्यादा नुकसान? जानें

Ataaree Border: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया। भारत सरकार की ‘कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी’ (CCS) की बैठक में लिए गए इस निर्णय का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस फैसले का सीधा असर भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले व्यापार और लोगों की आवाजाही पर पड़ेगा।

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Ataaree Border: अटारी चेक पोस्ट का महत्व

अटारी लैंड पोर्ट, अमृतसर से सिर्फ़ 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, भारत और पाकिस्तान के बीच ज़मीनी मार्ग से व्यापार और आवाजाही का प्रमुख केंद्र है। यह भारत का पहला और सबसे महत्वपूर्ण लैंड पोर्ट है, जो पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र ज़रिया भी है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में अटारी से लगभग ₹3,886 करोड़ का व्यापार हुआ और लगभग 71,563 लोगों ने इस मार्ग से सीमा पार की। जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा और भी बड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार का हाल

भारत पाकिस्तान को दवाइयाँ, चीनी, और ऑटो पार्ट्स जैसी चीजें निर्यात करता है। वर्ष 2023-24 में भारत ने पाकिस्तान को ₹10,096 करोड़ का निर्यात किया था, जबकि पाकिस्तान से केवल ₹25 करोड़ का आयात हुआ था।

विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान से भारत ताज़ी सब्ज़ियाँ, फल और सीमित संख्या में पत्थर और सीमेंट आयात करता था, जबकि बड़ी मात्रा में अफ़ग़ानिस्तान से ड्राई फ्रूट जैसे उत्पाद अटारी मार्ग से भारत आते थे।

क्या होगा अब?

  • भारत के निर्यात पहले से ही समुद्री मार्ग से अधिक होते हैं, इसलिए भारत पर सीमित असर होगा।

  • अफ़ग़ानिस्तान से ड्राई फ्रूट जैसे उत्पाद महंगे हो सकते हैं।

  • पाकिस्तान के आम नागरिकों और व्यापारियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि उन्हें वैकल्पिक मार्गों से व्यापार करना महंगा पड़ेगा।

  • दोनों देशों के बीच आधिकारिक व्यापार घटेगा, लेकिन अनौपचारिक और पुनःनिर्यात (री-एक्सपोर्ट) के ज़रिए व्यापार जारी रह सकता है।

व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच अनुमानित ₹85,000 करोड़ का व्यापार पहले ही यूएई और सिंगापुर जैसे तीसरे देशों के माध्यम से हो रहा है। अटारी के बंद होने से यह प्रवृत्ति और बढ़ सकती है।

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अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से तात्कालिक रूप से पाकिस्तान को अधिक नुक़सान होगा, विशेष रूप से आम जनता और छोटे व्यापारियों को। भारत के लिए, यह कदम रणनीतिक दबाव बनाने के तौर पर देखा जा सकता है, जबकि व्यापारिक व्यवस्था समुद्री मार्गों और तीसरे देशों के जरिए पहले से ही आगे बढ़ रही है।