Axiom 4 Mission: भारत की अंतरिक्ष यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक है। Axiom-4 में भारत के लाल शुभांशु शुक्ला के साथ उनके तीन और साथी स्पेसएक्स के ड्रैगन एयरक्राफ्ट से अंतरिक्ष के लिए रवाना हो गए हैं।
Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission: आखिरकार ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर ली है। भारतीय समय के मुताबिक दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अपनी टीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी। वह 28 घंटे की यात्रा करके कल शाम भारतीय समय के मुताबिक करीब 4:30 बजे इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में डॉकिंग करेंगे। शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं, जो इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में कदम रखेंगे।स्पेस में रवाना होने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के सफर को लेकर अपना संदेश दिया।
मेरे प्यारे देशवासियों… नमस्कार
ड्रैगन अंतरिक्षयान में 10 मिनट की यात्रा के बाद शुभांशु शुक्ला ने कहा कि.…..
नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों; 41 साल बाद हम अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं, यह यादगार यात्रा है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती का चक्कर काट रहे हैं, मेरे कंधों पर भारत का तिरंगा लगा है। उन्होंने आगे कहा कि तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं और यह सिर्फ आईएसएस तक की मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की भी शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि आप सभी मेरी यात्रा का हिस्सा बनें, आइये, हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाएं।
6 बार टाला था शुभांशु शुक्ला का यह मिशन
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन कई मायनों में इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि आज से पहले यह मिशन 6 बार टाला जा चुका है। कभी मौसम की वजह से तो कभी तकनीकी खामी बताकर कई बास इस मिशन को अब तक टाला गया, ऐसे में अब देश टकटकी लगाकर इस मिशन को देख रहा है। वहीं शुक्ला के शहर लखनऊ स्थित ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल’ में उनके माता पिता इस ऐतिहासिक उड़ान के गवाह बने।
शुभांशु होंगे मिशन के पायलट
इस मिशन का नेतृत्व पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पेगी व्हिटसन कर रही हैं। भारत के ISRO (इसरो) से जुड़े शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका में होंगे। इस मिशन में दो मिशन अंतरिक्षयात्रियों पोलैंड के स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निवेस्की, और हंगरी के तिबोर कपु भी शामिल हैं।
क्या है इस मिशन का लक्ष्य?
कैप्टन शुभांशु का मिशन 14 दिनों का विज्ञान है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष को सुलभ और सस्ता बनाना और एक निजी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना है, जो पुराने हो रहे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की जगह लेगा।
गगनयान मिशन के लिए हो चुका है चुनाव
बता दें कि साल 2025 के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभंशु शुक्ला को भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री-नामित के रूप में पेश किया था। अब शुभंशु शुक्ला अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पर इतिहास रचने के लिए तैयार हैं।
‘1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं शुभांशु शुक्ला के साथ’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Axiom-4 मिशन की सफल लॉन्चिंग पर खुशी जताते हुए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने एक्स पर ट्वीट किया, “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शुरू हुए इस सफल मिशन का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं और वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। उनके साथ 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं। मैं उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं देता हूं.”
यह मिशन से कहीं बढ़कर : एयरफोर्स
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया कि आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक – भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो राष्ट्र के गौरव को पृथ्वी से परे ले जाएगा। यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है, जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है, जिन्होंने पहली बार हमारे तिरंगे को पृथ्वी से परे ले जाया था। यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है, यह भारत के निरंतर विस्तारित क्षितिज की पुष्टि है।