Axiom-4 Mission : भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन एक बार फिर से टाल दिया गया है। स्टैटिक फायर परीक्षण के बाद बूस्टर की जांच के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) रिसाव का पता चलने के बाद मिशन पर ब्रेक लगाने का निर्णय लिया गया। इस मिशन के तहत भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ISS भेजा जाना था। Axiom-4 मिशन आज बुधवार शाम 5.30 बजे लॉन्च होने वाला था। इस मिशन में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।
Standing down from tomorrow’s Falcon 9 launch of Ax-4 to the @Space_Station to allow additional time for SpaceX teams to repair the LOx leak identified during post static fire booster inspections. Once complete – and pending Range availability – we will share a new launch date pic.twitter.com/FwRc8k2Bc0
— SpaceX (@SpaceX) June 11, 2025
स्पेसएक्स ने मिशन लॉन्च स्थगित किए जाने की पुष्टि की है।SpaceX ने जानकारी दी कि रॉकेट के एक हिस्से में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) का रिसाव पाया गया है। यह रिसाव रॉकेट की जांच के दौरान सामने आया। तकनीकी टीम अब इस गड़बड़ी को ठीक कर रही है। जब तक मरम्मत पूरी नहीं हो जाती और सुरक्षा की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक लॉन्च की नई तारीख तय नहीं की जाएगी।
चौथी बार टला Axiom-4 Mission
यह चौथी बार है जब Axiom-4 मिशन को टाला गया है।सबसे पहले इसकी लॉन्चिंग की तारीख 29 मई तय की गई थी, फिर इसे बढ़ाकर आठ जून कर दिया गया। इसके बाद फिर इसके प्रक्षेपण की तारीख में बदलाव करके 10 जून को 5.30 बजे कर दिया गया। फिर 10 जून से पहले ही नौ जून को भी मिशन को 11 जून तक टाल दिया गया था। तब इसरो ने इसका कारण खराब मौसम को बताया था।
भारत के लिए क्यों खास है ये मिशन?
यह मिशन ना सिर्फ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह राकेश शर्मा के 1984 के ऐतिहासिक मिशन की भी याद दिलाता है। जो रूस के अंतरिक्ष यान के साथ अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे। अब करीब 4 दशकों के बाद शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय होंगे, जो अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं। इतना ही नहीं, वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में पहुंचने वाले पहले भारतीय भी होंगे। इसके अलावा भारत गगनयान मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है और शुभांशु शुक्ला उस मिशन का भी हिस्सा होंगे।
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बता दें कि शुभांशु को 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Ax-4 मिशन के लिए चुना था। यह मिशन भारत और नासा के बीच सहयोग का परिणाम है। शुभांशु ने स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस से विशेष ट्रेनिंग ली है।
Axiom-4 मिशन के 4 क्रू मेंबर्स
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में होंगे। उसके अलावा अमेरिका के पैगी व्हिटसन कमांडर, पोलैंड की स्लावोज उज़नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी की तिबोर कपु मिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका में ISS जाएंगी। इस मिशन को अमेरिका के अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी कंपनी एग्जियोम स्पेस और नासा के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही एलन मस्क की स्पेसएक्स इस मिशन में अहम भूमिका निभाएगी।
लॉन्च के बाद क्या होगा?
एक बार लॉन्च होने के बाद Ax-4 मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताएंगे। इस दौरान वे माइक्रोग्रैविटी, जीवन विज्ञान और Material साइंस से जुड़े कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग दुनियाभर के 30 से ज्यादा देशों के शोधकर्ताओं के सहयोग से किए जाएंगे।