BJP MLA: नहीं रही केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, 68 साल की उम्र में ली अंतिम सांस..ऐसा रहा था उनका राजनीतिक सफर

Kedarnath MLA Shailarani Rawat Passed Away: केदरानाथ से भाजपा विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और लंबे समय से अस्वस्थ थीं। उन्होंने देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।

सीएम धामी ने जताया शोक

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने शैलारानी रावत के निधन पर दुख व्‍यक्‍त किया है। उन्‍होंने कहा ‘केदारनाथ विधानसभा से लोकप्रिय विधायक शैला रानी रावत जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। उनका जाना पार्टी और क्षेत्रवासियों के लिये अपूरणीय क्षति है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को सदैव याद रखा जाएगा।ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं।’

ओंकारेश्‍वर मंदिर की सीढ़ियों पर गिर गई थीं रावत

विधायक शैलारानी दो दिन से मैक्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से वह उभर नहीं पाई थी। वर्ष 2017 में विस चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थीं, जिससे उन्हें आंतरिक चोट आई थी। चोट से मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटी और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं। कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था। परिजनों द्वारा उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई, पर वह सफल नहीं हो पाईं। दो दिन से वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

केदारनाथ विधायक शैलारानी का राजनीतिक करियर मिलाजुला रहा। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों की ओर से राजनीति की। शैलारानी ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं। हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं।

भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं। 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। तब शैलारानी ने जीत दर्ज की थी। अब उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है।