रिपोर्ट – अमित प्रसाद रतूड़ी
BKTC: बद्री – केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी), बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे सनातन आस्था के प्रमुख धामों के साथ ही गढ़वाल क्षेत्र के 47 अन्य मंदिरों में भी पूजा पाठ संबंधित अन्य प्रबंधन देखती है। इस कारण, मंदिर समिति के अध्यक्ष का सियासी कद खुद ब खुद बढ़ जाता है। इस बार उत्तराखंड सरकार ने बद्री-केदार मंदिर समिति की अहम जिम्मेदारी भाजपा नेता हेमंत द्विवेदी को सौंपी है। तो आइए जानते हैं उनके अब तक के राजनीतिक और सामाजिक सफर के साथ ही बीकेटीसी की प्राथमिकताओं और भावी योजनाओं पर विस्तार से…
एक साधारण कार्यकर्ता से बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पद तक का सफर
हेमंत द्विवेदी ने कहा कि मेरा पारिवारिक इतिहास चुनौतियों से भरा रहा है। मैं पौड़ी गढ़वाल जनपद की यमकेश्वर विधानसभा के खोबरा ग्राम का निवासी हूं। एक साधारण परिवार से हूं। मेरे पिता भारतीय सेना में कार्यरत रहे, जिससे देश सेवा का भाव मुझे बचपन से मिला। उस समय हमारे गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। पढ़ाई के लिए हमें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। इसके बाद संघ और भापजा में आने के बाद समाज सेवा को लक्ष्य बना लिया। विचारधारा और संगठन के प्रति समर्पण से ही आज मुझे भगवान बद्री विशाल और बाबा केदार की सेवा का मौका मिला है।
मेरे लिए इससे बड़ा दिन कोई नहीं हो सकता कि मुझे बद्री-केदार जैसे धामों की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ है। यह मेरे माता-पिता और पूर्वजों के पुण्य का ही परिणाम है। मैं माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, महामंत्री संगठन अजेय कुमार तथा गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया।
राजनीति में सफर की शुरुआत कब और कैसे हुई?
उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गया था। शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की, इसके बाद भाजयुमो और फिर भाजपा में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 2007-09 तक युवा मोर्चा का प्रदेश प्रवक्ता, 2013-15 तक भाजपा प्रदेश सचिव, 2016-21 तक आजीवन सहयोग निधि के संयोजक तथा 2022 में पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता रहा हूं। जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाया।
राजनीतिक जीवन पर सर्वाधिक असर किसका रहा?
द्विवेदी बताते हैं कि निश्चित रूप से परिवार का सहयोग महत्वपूर्ण होता है, लेकिन राजनीतिक सफर में वैचारिक प्रेरणा और संगठन का समर्थन अत्यंत आवश्यक होता है। विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा रहा हूं। संगठन के प्रशिक्षण शिविरों और कार्यशालाओं में भाग लिया। जो भी दायित्व संगठन ने दिए, उन्हें पूरी निष्ठा से निभाया। आज भी संगठन और पार्टी के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा हूं।
बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में प्राथमिकताएं क्या हैं?
उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझ जैसे एक साधारण कार्यकर्ता को यह पावन सेवा का अवसर दिया। मेरी प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा निर्विघ्न और सुरक्षित तरीके से संचालित हो, तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, उन्हें भगवान के दर्शन सरलता से हों, और व्यापारी वर्ग के हितों की रक्षा हो। मैंने पहले ही बैठक में संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि किसी भी तीर्थयात्री को शिकायत का मौका न मिले, अन्यथा संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। चारधाम तीर्थ यात्रा, करोड़ों सनातन मतावलंबियों की आस्था से जुड़ी हुई है, साथ ही यात्रा संचालन से उत्तराखंड की आर्थिकी को भी गति मिलती है। इसलिए चारधाम यात्रा का का कुशल प्रबंधन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
समिति के अंतर्गत आने वाले अन्य मंदिरों को लेकर क्या योजनाएं?
बद्रीनाथ और केदारनाथ के अतिरिक्त समिति के अंतर्गत 47 अन्य मंदिर भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इन मंदिरों में भी अवस्थापना सुविधाएं बेहतर की जाएं। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है—यहां हर कोने में देवताओं का वास माना जाता है। देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिले, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं कि सभी मंदिरों में आधारभूत सुविधाएं—जैसे जल, शौचालय, विश्राम स्थल, स्वच्छता आदि को प्राथमिकता दी जाए।
सीएम धामी के 4 साल के कार्यकाल पूरा होने पर बोले हेमंत द्विवेदी
द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मैं इस अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं। उनका अब तक का कार्यकाल पूर्णतः ईमानदार, दूरदर्शी और जनसेवा को समर्पित रहा है। उन्होंने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं—जैसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण पर रोक, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, युवाओं को रोजगार, और स्वास्थ्य व सड़क जैसे बुनियादी क्षेत्रों में सुधार। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड सुशासन की मिसाल बनकर उभरा है। राज्य आज देशभर में अलग पहचान बना चुका है।
राज्य सरकार को प्रधानमंत्री का कैसा सहयोग मिल रहा है?
उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाई है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद शायद ही किसी ने सोचा होगा कि केदारनाथ यात्रा फिर से शुरू हो पाएगी। लेकिन प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केदार घाटी का पुनर्निर्माण हुआ और आज लाखों श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हर तीर्थयात्री यहां से एक सकारात्मक अनुभव लेकर लौटे। आज बद्रीनाथ – केदारनाथ में करोड़ों रुपए के विकास कार्य सम्पन्न हो रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से धामों में बुनियादी सुविधाएं जुटाकर, तीर्थ यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं। जल्द ही कर्णप्रयाग रेललाइन भी शुरु होने जा रही है। इससे चारधामों तक पहुंच और आसान हो जाएगी। मोदी जी का उत्तराखंड से विशेष स्नेह किसी से छुपा नहीं है। इसीलिए प्रत्येक उत्तराखंडवासी मोदी से भी स्नेह करता है।