Badrinath: पित्र तर्पण करने से पितरों को मिलता है मोक्ष

रिपोर्ट -सोनू उनियाल 

बद्रीनाथ। मानसून सीजन खत्म होते ही श्री बदरीनाथ धाम यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। बरसात के बाद तीर्थयात्रियों के पहुंचने का क्रम जारी है। अभी तक तेरह लाख अस्सी हज़ार से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन कर लिए हैं।

बदरीनाथ मंदिर में दर्शन हेतु बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे।श्री बदरीनाथ धाम स्थित ब्रह्म कपाल तीर्थ में पित्रों के श्राद्ध के लिए तीर्थयात्रियों के आने का क्रम जारी रहा।दूसरे दिन पूर्णिमा- प्रतिपदा श्राद्ध पर तीर्थयात्रियों ने अलकनंदा नदी में स्नान किया तथा ब्रह्म कपाल पर पिंडदान तथा तर्पण कर पितरों का आशीर्वाद लिया और पितृ मोक्ष की कामना की। यह क्रम पितृ विसर्जन अमावस्या 14 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

 

उल्लेखनीय है कि ब्रह्म कपाल के विषय में मान्यता है भगवान नारायण की महिमा से यहां पर भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल गयी थी। तथा ब्रह्मा जी का कटा हुआ शीश भगवान शिव के हाथ पर चिपक गया था वह छिटक कर अलकनंदा के तट बदरीनाथ मंदिर के बायें तरफ गिर पड़ा था इस स्थान का नाम ब्रह्म कपाल अर्थात ब्रह्मा जी का सिर हो गया।