“नींद नहीं आती? जानें क्या न करें और कैसे पाएं समाधान – एक्सपर्ट्स की सलाह”

नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए विशेषज्ञों की सलाह

रात में नींद न आना या बीच में नींद खुल जाना एक आम समस्या है जो कभी-कभी हर किसी के साथ हो सकती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और उनके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। नींद न आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे तनाव, बीमारी, उम्र बढ़ना, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं। विशेषज्ञों का मानना है कि नींद न आने पर कुछ चीजों से बचना चाहिए और कुछ आदतों को अपनाना चाहिए।

नींद न आने पर क्या नहीं करना चाहिए?

  1. सोने की जबरदस्ती कोशिश न करें: ससेक्स यूनिवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक डॉ. फ़ेथ ओरचर्ड के अनुसार, नींद न आने पर सोने की जबरदस्ती कोशिश करने से समस्या और बढ़ सकती है। इसके बजाय, एक किताब पढ़ने या कुछ ऐसा करने की सलाह दी जाती है जो आपको आराम दे।
  2. बिस्तर पर लेटे रहने से बचें: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोलीन का कहना है कि अगर नींद नहीं आ रही है तो बिस्तर पर लेटे रहने के बजाय उठ जाना चाहिए। बिस्तर पर लेटे रहने से दिमाग और ज्यादा सक्रिय हो सकता है।
  3. दवाओं का अत्यधिक उपयोग न करें: ब्रिटिश स्लीप सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. हेरे का कहना है कि नींद की दवाओं का अत्यधिक उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, कॉग्निटिव बिहेवरल थेरेपी (CBT) जैसे विकल्पों को अपनाना चाहिए।
  4. स्क्रीन का उपयोग न करें: स्मार्टफोन, टीवी या कंप्यूटर स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद के हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है। इसलिए, सोने से पहले इन उपकरणों के उपयोग से बचना चाहिए।
  5. कैफीन और अल्कोहल से परहेज: सोने से पहले कैफीन या अल्कोहल का सेवन नींद को बाधित कर सकता है। डॉ. ओरचर्ड के अनुसार, अल्कोहल नींद के पैटर्न को खराब कर सकता है।

नींद न आने के कारण

  • तनाव और चिंता: डॉ. ओरचर्ड के अनुसार, तनाव और चिंता नींद न आने की सबसे बड़ी वजहों में से एक है।
  • उम्र का प्रभाव: प्रोफेसर कोलीन बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ नींद का पैटर्न बदल सकता है।
  • बीमारियां और दर्द: डॉ. हेरे के अनुसार, कुछ बीमारियां और दर्द भी नींद को प्रभावित कर सकते हैं।
  • मेनोपॉज़: महिलाओं में मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल बदलाव नींद को प्रभावित कर सकते हैं।

नींद लाने के लिए क्या करें?

  • नियमित दिनचर्या: हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें।
  • बिस्तर को सोने के लिए ही इस्तेमाल करें: बिस्तर पर काम करने या टीवी देखने से बचें।
  • रिलैक्सेशन तकनीक: ध्यान, योग या गहरी सांस लेने के व्यायाम करें।
  • कमरे का माहौल: कमरे को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर नींद न आने की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और इसका असर आपके दैनिक जीवन पर पड़ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। डॉ. हेरे के अनुसार, अगर आप हफ्ते में तीन बार नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं और यह तीन महीने से अधिक समय तक चल रहा है, तो यह अनिद्रा का संकेत हो सकता है।

नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए, नींद से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए