अनुसूचित जाति जनजाति के जमीन की खरीद फ़रोख्त का मामला

दसौनी ने मांग करते हुए कहा कि यह प्रकरण इतना गंभीर प्रवृत्ति का है कि जिसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए और दोषी व्यक्तियों एवं संलिप्त राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।


देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता कर मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने एक गंभीर प्रकरण का खुलासा किया, जिसमें उन्होंने देहरादून के विकासनगर इलाके में बड़े स्तर पर चल रही मशीनों की धांधली को पर्दाफाश किया।

धामी राज में अनुसूचित जाति के लोगों पर शोषण के लगाए गंभीर आरोप 

उन्होंने धामी राज में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर शोषण के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि गरीब अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि को संरक्षण प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कानून बनाया गया है ताकि गरीब अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की जमीन बची रहे, परंतु सरकार द्वारा कानून में व्यवस्था की गयी थी कि अनु० जाति के लोग जो बडे कृषक है जिनके पास यदि तीन एकड़ से ज्यादा भूमि है तो वह लोग राजस्व विभाग एवं जिलाधिकारी की अनुमति से आवश्यक्ता पडने पर अनुमति लेकर भूमि विक्रय कर सकते हैं।

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दसौनी ने कहा कि उक्त व्यवस्था का अनुचित लाभ उठाते हुए कुछ भु माफियाओं द्वारा इस कानून को अपनी काली कमाई का धंधा बना लिया गया है।

दसौनी ने खुलासा करते हुए उठाया बड़ा सवाल 

वही गरिमा दसौनी ने खुलासा करते हुए कहा की इस पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल यह उठता है कि एक ही व्यक्ति को इतने बड़े पैमाने पर भूमि क्रय विक्रय करने की अनुमति भी मिलती रही और शासन प्रशासन में बैठे हुए किसी भी अधिकारी को उस पर शक नहीं हुआ या फिर यह सभी की मिली भगत का नतीजा है?

दसौनी ने कहा कि उक्त व्यक्ति द्वारा गरीब अनु० जाति के लोगों से औने पौने दामों में जमीन खरीद कर फर्जी प्रपत्रों के आधार पर अनुमति प्राप्त कर ऊँचे दामों में विक्रय कर करोडो रू० की काली कमाई कर ली गयी है। इस गोरखधंधे में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की पूर्णतः मिलीभगत है। इसके अलावा भी कई अन्य व्यक्तियों  द्वारा अनु० जाति के व्यक्तियों की भूमि औने पौने दामों पर खरीद कर फर्जी प्रपत्रों के

आधार पर अनुमति लेकर ऊँचे दामो पर बेच कर सरकार द्वारा बनाये गये कानून की धज्जियां उडाई जा रही हैं। दसौनी ने मांग करते हुए कहा कि यह प्रकरण इतना गंभीर प्रवृत्ति का है कि जिसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए और दोषी व्यक्तियों एवं संलिप्त राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।