Chamoli: मंगलवार 25 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद गुरूवार सुबह को योग बदरी पांडुकेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सेना के बैंड के भक्तिमय उदघोष के साथ अपराह्न को श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ पहुंच गयी। अपने संदेश में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के ज्योर्तिमठ पहुंचने तथा श्री बदरीनाथ धाम यात्रा के समापन पर शुभकामनाएं दी।
बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ में बीकेटीसी दिशा निर्देशों के तहत शीतकालीन पूजा व्यवस्थायें की जा रही है।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचने पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी तथा रावल जी सहित आगंतुकों की अगवानी कर स्वागत किया। पूजा अर्चना पश्चात आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी गद्दी स्थल में विराजमान हो गये जहां शीतकाल में गद्दी के दर्शन होंगे तथा श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में शीतकालीन पूजायें भी शुरू होंगी।आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी का गोविंद घाट, श्री विष्णु प्रयाग, ग्रीफ केंप मारवाड़ी में तथा लोअर मार्केट ज्योर्तिमठ,में आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी का भब्य स्वागत हुआ।
इससे पूर्व बीते बुधवार 26 नवंबर देर शाम को भगवान नारायण के प्रिय वाहन श्री गरूड़ जी महाराज सजधज कर श्री बदरीनाथ धाम से डोली में श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचे। रैंकवाल पंचायत अध्यक्ष अनूप पंवार, सोनू बजवाड़ी,देवेद्र पंवार,आलोक पंवार आदि रैंकवाल पंचायत पदाधिकारियों ने श्री गरूड़ जी की देव डोली को श्री बदरीनाथ धाम से श्री ज्योर्तिमठ तक पहुंचाया।
