Chardham Yatra 2025: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साक्षी बने सीएम धामी 

Chardham Yatra 2025: विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के पावन अवसर पर शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी धाम में मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर देश-विदेश से आए सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन के अनुरूप केदारपुरी का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में चारधाम यात्रा के अंतर्गत रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने धामों के दर्शन किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कपाट बंद होने के पश्चात शीतकालीन यात्रा को भी राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु चार धामों के शीतकालीन गद्दी स्थलों में भी पूजा अर्चना कर सकें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओ से शीतकाल में भी चारों धामों के गद्दी स्थलों में आकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने का आग्रह किया। शीतकाल में भी श्रद्धालुओं के यात्रा करने से स्थानीय व्यापारियों, होम स्टे संचालकों एवं होटल चालकों आदि की आजीविका निरंतर गतिमान रहेगी।

 

मुख्यमंत्री ने यात्रा से जुड़े सभी विभागों, सुरक्षा बलों, मंदिर समिति, स्थानीय नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया तथा इस वर्ष की यात्रा को सफल, सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष केदारनाथ यात्रा का संचालन अत्यंत सुचारु एवं सफलतापूर्वक हुआ। इस वर्ष कुल 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, जो पिछले वर्ष 2024 के 16,52,076 तीर्थयात्रियों की तुलना में लगभग सवा लाख अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा के वक्त को छोड़कर संपूर्ण यात्रा अवधि में व्यवस्थाएं सुचारु रहीं। शीतकालीन अवधि में भी श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी और शीतकालीन पूजाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।

 

कपाट बंद होने के पश्चात बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली आज प्रस्थान कर प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि विश्राम हेतु पहुंचेगी। कल शुक्रवार, 24 अक्टूबर को डोली श्री विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम के पश्चात शनिवार, 25 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।