मसूरी, खटीमा और रामपुर की घटना उत्तराखंड के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है। राज्य बनने के 24 साल बाद भी राज्य आंदोलनकारी पहाड़ का पानी, जवानी और पलायन रोकने की मांग लगातार कर रहे हैं।
आज मसूरी गोलीकांड की बरसी है। उत्तराखंड इतिहास का ऐसा काला अध्याय जब पहाड़ों की रानी मसूरी गोलियों की आवाज से गूंज उठी थी। पुलिस की गोली से 6 लोग शहीद हो गए थे। एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हुई थी।
श्रीनगर गढ़वाल में उठाई गई थी उत्तराखंड राज्य की मांग
उत्तराखंड राज्य आंदोलन, दुनिया के सबसे लंबे चलने वाले आंदोलनों में से एक रहा है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार पहली बार अलग उत्तराखंड राज्य की मांग 5 से 6 मई के बीच 1938 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक विशेष सत्र में श्रीनगर गढ़वाल में उठाई गई थी। इसके बाद विभिन्न चरणों से होते हुए 1990 के दशक में ये बहुत बड़ा जन आंदोलन बन गया था। 1994 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव ने राज्य आंदोलनकारियों पर खुलकर पुलिस बल प्रयोग किया था।
2 सितंबर 1994 को हुआ था मसूरी गोलीकांड
दरअसल 1 सितंबर को तत्कालीन उत्तर प्रदेश की पुलिस ने खटीमा में भयानक गोलीकांड किया था। पुलिस की गोली से 7 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। इसके विरोध में 2 सितंबर 1994 को आंदोलनकारियों ने मसूरी में जुलूस निकाला। जुलूस मसूरी झूलाघर पहुंचा। यहां पर वर्तमान शहीद स्थल पर संयुक्त संघर्ष समिति कार्यालय में सभी प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए।
मुख्यमंत्री ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
अचानक तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश पुलिस ने निहत्थे आंदोलकारियों पर गोलियां चलवा दी थी, जिसमें दो महिलाओं सहित छह राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे । साथ ही एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई थी । जिसकी 30 वीं वर्षगांठ पर आज मसूरी पहुंचे मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल झूला घर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और शहीदों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड राज्य को बनाने की बात कही।
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मुख्यमत्री ने अमर बलिदानियों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड की नींव को बलिदानियों ने अपने खून से सिंचा है। वीर बलिदानियों सहित हम सभी का सपना था उत्तराखंड बने।यह कल्पना अद्भुत थी। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल ने आंदोलनकारियों के आंदोलन को कुचलने का कार्य किया है। कहा शहीदों के सपनों के राज्य बनाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
आने वाले दस वर्ष राज्य विकास के शिखर पर होगा- सीएम
सीएम धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड देश के कई राज्यों में अग्रणी राज्य बना है। युवाओं, महिलाओं के उत्थान के लिए कई कार्य किए जा रहे। आने वाले दस वर्ष राज्य विकास के शिखर पर होगा। सीएम ने कहा कि नकल माफियाओं पर सरकार ने शिकंजा कसा है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होने देंगे। सौ से भी ज्यादा नकल माफियाओं को जेल भेजने का काम सरकार ने किया है। सख्त नकल कानून सरकार लाई है। संपत्ति जब्त करने का भी प्राविधान किया गया है।
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वहीं इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अलग राज्य निर्माण के लिए प्रदेश की जनता ने बड़ा संघर्ष किया है। मातृ शक्ति ने सबसे बड़ा योगदान दिया। शहीदों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते है कहा कि आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का बड़ा काम किया है। आंदोलनकरियों के सपनों का राज्य बनाने के लिए सब मिलकर काम करेंगे।
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