Chess Champion: जानें कौन हैं डी गुकेश? जो सबसे कम उम्र के बने विश्व शतरंज के नए बादशाह

World Chess Champion: 6.5-6.5 अंकों के साथ खेल की शुरुआत हुई थी। अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई।


D Gukesh World Chess Champion: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार 12 दिसंबर को सिंगापुर में वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। वह इस खिताब को जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। वहीं, गुकेश, विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज में विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। गुकेश ने निर्णायक 14वें गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता।

विश्व शतरंज चैंपियनशिप के खिताब पर कब्जा 

बता दें कि 6.5 अंको के साथ खेल की शुरुआत हुई थी। अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। भारतीय युवा स्टार ने लिरेन को 7.5-6-5 से हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की है।

गुकेश ने 18 साल आठ महीने 14 दिन की उम्र में यह खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 22 वर्ष छह महीने 27 दिन की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश से पहले भारत के विश्वनाथन आनंद (2000-2002 और 2007-2013) विश्व शतरंज चैंपियन रहे।

“10 साल का सपना पूरा हुआ, मैं अपने सपनों को जी रहा हूं”

विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद गुकेश खुशी में अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और काफी भावुक हो गए।गुकेश ने कहा, ‘मैं भावुक हो गया क्योंकि मुझे उस स्थिति से जीतने की उम्मीद नहीं थी। मैं दबाव बनाने जा रहा था। लेकिन मैंने सोचा कि चलो टाई-ब्रेक पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन जब मैंने गलती देखी, तो मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपना सपना पूरा कर लिया है। हर शतरंज खिलाड़ी ऐसा अनुभव करना चाहता है। मैं अपने सपनों को जी रहा हूं। मैं इस पल के बारे में 10 साल से सपना देख रहा था’।

कौन हैं डी गुकेश?

डी गुकेश चेन्नई के रहने वाले हैं। इनका पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी। इसके बाद नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश, आनंद शतरंज अकादमी (WACA) में ट्रेनिंग लेते हैं।

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गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्‍ट हैं। स्कूल के दिनों में ही उन्हें इस खेल से प्यार हो गया। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते वह तेजी से आगे बढ़ते गए। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह ऐसा करने वाले सबसे युवा प्लेयर बने थे। वहीं, इसी साल 10 से 23 सितंबर 2024 को बुडापेस्ट में चेस ओलंपियाड का आयोजन हुआ था। भारत ने मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में चैंपियन बना था। ओपन कैटेगरी में गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत दिलाई थी।

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ये हैं गुकेश के करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियां

गुकेश ने बहुत ही कम उम्र में यह साबित कर दिया था कि वह भविष्य के चेस के बड़े खिलाड़ी बनेंगे। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर गुकेश ने यह साबित भी कर दिया।

  • 2024: वर्ल्ड चेस चैंपियन (सबसे युवा)
  • 2024: पेरिस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता (सबसे युवा)
  • 2024: चेस ओलंपियाड में भारत को विजेता बनाया
  • 2023 फिडे सर्किट: दूसरा स्थान हासिल किया, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया
  • 2022 चेस ओलंपियाड: व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक, भारत ने कांस्य पदक जीता
  • 2022: ऐमचेस रैपिड: मैगनस कार्लसेन के विश्व चैंपियन बनने के बाद उन्हें हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
  • 2021: जूलियस बेयर चैलेंजर्स चेस टूर: विजेता बने
  • 2019: 12 साल 7 महीने और 17 दिन में ग्रैंडमास्टर बने
  • 2018: वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप: विनर (अंडर-12 कैटेगिरी)
  • 2015: अंडर-9 एशियाई स्कूल चैंपियनशिप (कैंडिडेट मास्टर का खिताब)