69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। इसमें उत्तराखंड की बेटी सृष्टि लखेरा की फिल्म ‘एक था गांव’ को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला है। सृष्टि ने इस फिल्म का प्रोडक्शन और निर्देशन किया है।
इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह बना चुकी फिल्म ‘एक था गांव’
बता दें कि सृष्टि लखेड़ा की फिल्म ‘एक था गांव’ इससे पहले मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म महोत्सव के इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह बना चुकी है। गढ़वाली और हिंदी भाषा में बनी इस फिल्म में घोस्ट विलेज (पलायन से खाली हो चुके गांव) की कहानी है।
पलायन की पीड़ा को देखते हुए बनाई फिल्म
उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा को देखते हुए सृष्टि ने यह फिल्म बनाई। बताया, पहले उनके गांव में 40 परिवार रहते थे और अब पांच से सात लोग ही बचे हैं। लोगों को किसी न किसी मजबूरी से गांव छोड़ना पड़ा। इसी उलझन को उन्होंने एक घंटे की फिल्म के रूप में पेश किया है। फिल्म के दो मुख्य पात्र हैं। 80 वर्षीय लीला देवी और 19 वर्षीय किशोरी गोलू।
टिहरी की सृष्टि लखेड़ा 13 साल से फिल्म लाइन में
सृष्टि लखेड़ा मूल रुप से टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गांव की है। वर्तमान में उनका परिवार ऋषिकेश में रहता है। सृष्टि के पिता बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केएन लखेरा ने बताया कि सृष्टि करीब 13 साल से फिल्म लाइन के क्षेत्र में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटी ने परिवार के साथ उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।