डिजिटल हाउस अरैस्ट का पर्दाफाश: करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को STF ने हरियाणा से दबोचा

एसटीएफ उत्तराखण्ड की साइबर क्राईम पुलिस टीम द्वारा “डिजिटल हाउस अरेस्ट” स्कैम का भण्डाफोड़ करते हुये एक अभियुक्त को जिला यमुनानगर हरियाणा से गिरफ्तार किया है। ठगों ने देहरादून निवासी एक पीड़िता को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 1 करोड़ 70 लाख रुपये ठगे थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि देहरादून निवासी एक पीड़िता द्वारा कुछ दिन पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर आकर सूचना अंकित कराई कि उसके मोबाइल नं0 पर Fedex कोरियर से एक कॉल आयी कि आपका एक पार्सल है जो मुम्बई से ताईवान के लिये भेजा गया था, उक्त पार्सल पर आपका नाम, मोबाइल नम्बर व ईमेल आई0डी0 अंकित है और उस पार्सल में कुछ अवैध दस्तावेज व सामान जिसमें 05 पासपोर्ट, 05 ATM कार्ड, 01 लैपटॉप, 5000 US डॉलर कैश, 200 ग्राम MDMA नारकोटिक ड्रग तथा 04 किलो कपड़े मिले है जिसके आधार पर “पहचान की चोरी, ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग” मामले का हिस्सा होने का आरोप लगाकर गिरफ़्तार करने की धमकी दी और तथा 30 से 90 दिनों के लिए गैर-ज़मानती गिरफ़्तार होने के बात बतायी गयी फिर मुम्बई क्राईम ब्रान्च द्वारा पार्सल के बारे में जानकारी ली गयी ।

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आधार कार्ड नम्बर पूछ गया और बताया कि आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई बार इस्तेमाल हो चुका है तथा इस मामले में व्यक्तिगत रुप से मुम्बई आकर केस में सहयोग करना होगा अथवा ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज कराने को कहा गया। जिस पर उसके द्वारा ऑनलाइन बयान कराने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया तो उनके द्वारा बताया कि Skype App बयान दर्ज करवाने का अधिकारिक माध्यम है और Skype App डाउनलोड करवाकर उक्त ऐप के सर्च में जाकर मुम्बई की एक क्राईम ब्रांच साईट पर कनैक्ट करवाकर वीडियो कॉल शुरु की गयी और चैट में पुलिस आई0डी0 कार्ड भेजा गया व घण्टों तक पूरी जाँच प्रक्रिया समझाते हुये बताया गया कि उक्त सारी जाँच प्रक्रिया न्यायालय में पेश करने के लिये रिकॉर्ड की जायेगी जिसमें 2 घण्टे से 2 दिन भी लग सकते हैं तथा इस दौरान दरवाजा बन्द रखने व किसी से भी बात करने से मना किया गया।

इसके बाद उसके सभी बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर खातों में अनियमितता पायी जाना बताकर इस प्रकरण में आर0बी0आई0 को भी शामिल करने की बात कहते हुये सारा पैसा वैरिफिकेशन हेतु बताये गये खाते में ट्रांसफर करने को बताया गया कि जाँच के बाद आपका सारा पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जायेगा। उनके बताये अनुसार पैसा ट्रांसफर करने के बाद उनके द्वारा और अधिक रुपये ट्रांसफर करने को कहने पर जब वह असमर्थ रही तो ये लोग भड़क गये और धमकाने लगे की पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट PCC न मिलने के कारण आपके इण्डिया के सारे अकाउण्ट फ्रीज हो जायेंगे और आपको 7 साल की सजा हो जायेगी और कॉल डिसकनैक्ट कर दी गयी। इसके बाद ही उन्हे अहसास हुआ कि उसके साथ करोड़ो रुपये की ठगी हो चुकी है। साइबर अपराधियों द्वारा पीडित को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर पीडित की जिन्दगी भर की कमाई धोखाधडी से हड़प ली गयी थी । प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा घटना के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस टीम गठित कर अभियोग के सफल एवं शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।

 

साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों आदि की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया और प्राप्त डेटा का गहनता से विश्लेषण करते हुये तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर इस घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त को चिन्ह्ति किया गया एवं तलाश जारी करते हुये कई स्थानों पर दबिश दी गयी और आखिरकार साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये अभियोग में संलिप्त मुख्य अभियुक्त मनी कुमार पुत्र सागर कुमार निवासी गली नं0 04, मधु कालोनी, चिटा मन्दिर थाना सिटि यमुनानगर हरियाणा को यमुनानगर हरियाणा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया जिससे मौके पर 01 मोबाईल फोन Oneplus, 02 डैबिट / क्रैडिट कार्ड, 02 आधार कार्ड, 01 पैन कार्ड बरामद हुआ।