डीएम ने 60km पैदल रूपकुंड ट्रैक मार्ग पर व्यवस्थाओं का लिया जायजा

चमोली। जिले में धार्मिक, साहसिक एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने और ट्रैक मार्ग पर जरूरी सुविधाओं के विकास हेतु डीएम हिमांशु खुराना ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों के साथ प्रसिद्व रूपकुंड ट्रैक का चार दिवसीय भ्रमण करते हुए करीब 60 किलोमीटर कठिन पैदल दूरी तय कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

DM inspected the arrangements of Roopkund track route by walking 60 km

इस दौरान डीएम ने वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के लिए नए स्थल विकसित करने पर जोर दिया। डीएम ने देवाल ब्लाक के कुलिंग गांव से रूपकुंड की पैदल ट्रैकिंग शुरू की। कुलिंग से दीदना, बेदिनी बुग्याल, पाथरनचीना, भगवावासा होते हुए रूपकुंड पहुॅचे।

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DM inspected the arrangements of Roopkund track route by walking 60 km

इस दौरान डीएम ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि रूपकुंड ट्रैक पर इकोटूरिज़म साइट्स विकसित करने के साथ इसका संचालन, विकास एवं रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाए। ईको साइट्स के विकास में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करें। क्षेत्र में ईको विकास समिति का गठन करते हुए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाए। जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अतिरिक्त अवसर मिल सके। डीएम ने सुदूरवर्ती गांव दीदना में स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी और उनके निराकरण हेतु संबधितों को निर्देशित किया।

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DM inspected the arrangements of Roopkund track route by walking 60 km

बताते चले कि प्रसिद्व नन्दा देवी राजजात यात्रा हर 12 साल में कर्णप्रयाग के पास नौटी गांव से रूपकुंड के पास होमकुंड तक आयोजित की जाती है। जबकि हर साल कुरूड़ से वेदनी तक मां नन्दा की यात्रा होती है। इस कठिन पवित्र यात्रा में हजारों लोंग शामिल होते है। रूपकुंड ट्रैक मार्ग सोलो ट्रैकिंग और एडवेंचर ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

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