रिपोर्ट -सोनू उनियाल
चमोली। पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर एवं पंचबदरी में विराजमान ध्यान बदरी एवं उर्गम घाटी के 20 गांवों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण हेलंग उर्गम मोटर मार्ग विगत 20 दिनों से बंद है ।
आलम यह है कि क्षेत्र में गैस की क़िल्लत समेत खाद्यान्न संकट गहराने लग गया है। गैस की क़िल्लत होने से घाटी में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को परेशानियां का सामान करना पड़ रहा है।
ग्रामीण किसी तरह जंगल की गीली लकड़ी को जलाने के लिए मजबूर हैं कल्पेश्वर महादेव मंदिर से लेकर हेलंग तक जगह जगह मोटर मार्ग बुरी तरह ध्वस्त हो गया है।
धोपा गदेरे एवं नोट गदेरे पर पुल निर्माण कम्पनी की लापरवाही के कारण दर्जनों खेत भूस्खलन की चपेट में आ गये है।
निर्माणधीन सड़क भैटा भर्की बांसा के कारण ठेकेदार एवं पीएमजीएसवाई की लापरवाही से जहां कल्पेश्वर महादेव मंदिर को खतरा पैदा हो गया है वहीं भैटा गांव के पार्वती देवी की मकान समेत सात आठ परिवार भूस्खलन की जद में आ गए हैं।
समय रहते सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं किया गया तो पूरा गांव भूधसाव की जद में आ सकता है।
हेलंग उर्गम मोटर मार्ग बंद होने से पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव पहुंचने वाले पर्यटक परेशान है अधिकांश यात्री हेलंग से ही वापस लौट रहे हैं जिससे होटल व्यवसाय को नुक्सान हो रहा है।
नन्दीकुड ट्रैकिंग एण्ड एडवेंचर्स ग्रुप देवग्राम एवं विवेक होटल के प्रबन्धक संदीप नेगी का कहना है कि एडवांस बुकिंग भी रद्द करनी पड़ रही है आपको अवगत करा दे कि इस साल पर्यटन व्यवसाय उर्गम घाटी में चरम सीमा पर था ।
हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री उर्गम घाटी में पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव एवं पंचबदरी ध्यान बदरी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं यहां से वंशीनारायण नन्दीकुंड मध्यमहेश्वर रूद्रनाथ गिन्नी ग्लेशियर बद्रीनाथ फ्यूलानारायण सोना शिखर चनाप घाटी भनाई बुग्याल समेत 50 से अधिक ट्रैकरूट जाते हैं जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होता है।
उर्गम घाटी में लगभग तीस से अधिक होमस्टे पंजीकृत हैं । सड़क मार्ग टूटने से घाटी में रोजमर्रा का समान समाप्त हो गया है। 20 दिन बीतने के बाद भी सड़क मार्ग पर खोलने का कार्य कछुवा गति से चल रहा है लोग पैदल जाने को विवश हैं।