हिंदी की दीवानगी, ऑनलाइन सीख रहे है विदेशी

हिंदी भाषा अपने ही देश में लोगों को पराई सी लगने लगी है। लेकिन सात समुंदर पार के लोगो का हिंदी के प्रति रूझान बढ़ रहा है। वह हिंदी सीखने के लिए भारत आ रहे हैं। कई विदेशी ऑनलाइन तो कई ट्यूशन लेकर हिंदी भाषा सीख रहे हैं।

लंढौर लैंग्वेज स्कूल के टीचर हिंदी सिखाने में दे रहे योगदान

मसूरी के लंढौर लैंग्वेज स्कूल में फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, अमेरिका, इंग्लैंड, इटली और कोरिया के लगभग दो दर्जन से अधिक लोग ऑनलाइन हिंदी भाषा सीख रहे हैं। विदेशियों को हिंदी सिखाने में लैंग्वेज स्कूल के शिक्षक जसविंदर गर्ग, ललित शर्मा, गिरीश जोशी, अर्चना शर्मा, हबीब, अलका, भावना योगदान दे रहे हैं।

यूरोपीय देशों के छात्र ऑनलाइन सीख रहे हिंदी

प्रधानाचार्य चितरंजन दत्त ने बताया कोरोनाकाल के बाद अधिकांश विदेशी हिंदी भाषा सीखने के लिए ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद स्थितियां बदली, लेकिन विदेशियों में हिंदी सीखने की ललक कम नहीं हुई। शिक्षक गिरीश चंद्र जोशी ने बताया, इस समय यूरोपीय देशों के 20 से अधिक छात्र ऑनलाइन हिंदी सीख रहे हैं।

ज्यादा रुचि होने के कारण जल्दी सीख रहे विदेशी

पिछले तीस साल से विदेशियों को हिंदी और पंजाबी सीखा रही शिक्षिका जसविंदर गर्ग ने बताया, ऑनलाइन हिंदी सीखने वाले विदेशियों में काफी उत्सुकता दिखती है। अधिक रुचि होने के कारण जल्दी हिंदी सीख लेते हैं। बताया कि जर्मनी की हैला और अमेरिका की जेनेफर हिंदी सीखने के लिए आई हैं। हिंदी सीखने के बाद वापस जा रही हैं।

भारत में यहां बोली जाती है सबसे अधिक हिंदी

भारत को जानना समझना तो हिंदी सीखना जरूरी

जर्मनी की हैला और अमेरिका की जेनेफर यहां आकर हिंदी भाषा सीख रही हैं। जर्मनी की हैला ने बताया कि उनको हिंदी भाषा अच्छी लगती है। कहा लंढौर लैंग्वेज स्कूल में हिंदी भाषा को सीखा। हिंदी को समझने का प्रयास किया। अब वह हिंदी सीख गई हैं। अमेरिका की जेनेफर ने बताया, उसे हिंदी बोलने और लिखने का शौक था। वह लैंग्वेज स्कूल में हिंदी भाषा सीख रही हैं। बताया कि अमेरिका में भारत के बहुत लोग रहते हैं, जो हिंदी में बात करते हैं। कहा कि भारत को अगर जानना और समझना है तो हिंदी को सीखना जरूरी है।

भारत में व्यापक तौर पर बोली जाने वाली भाषा

भारत में हिंदी भारत में बहुत ही व्यापक तौर पर बोली जाने वाली भाषा है। इसकी बहुत सी विविधताओं भरी बोलियां और स्वरूप हैं। मूल रूप से हिंदी को इंडोयूरोपीय भाषा परिवार की इंडोईरानी शाखा के इंडो आर्यन समूहकी भाषा माना जाता है। यह भारत के बहुत सारे क्षेत्रों में आधिकारिक भाषा के तौर पर उपयोग में लाई जाती है।