Pakhro range scam case: पाखरो रेंज घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत आज ईडी ऑफिस में पेश हुए। उन्हें ED ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो प्रकरण पर पूछताछ के लिए समन भेजा था।
दरअसल, पाखरो रेंज घोटाले के मामले में वर्ष 2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में तत्कालीन कुछ अधिकारियों (जिनमें पूर्व डीएफओ किशनचंद भी शामिल थे) को गिरफ्तार भी किया गया था। विजिलेंस ने पिछले साल अगस्त में हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। बताया गया था कि यहां एक पेट्रोल पंप पर सरकारी जनरेटर बरामद हुआ था। हालांकि, जांच अभी और आगे बढ़ती इससे पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई।
ED ने भेजा था समन
विजिलेंस ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए थे। इसी बीच ईडी ने भी इसका संज्ञान ले लिया। गत फरवरी 2024 में ईडी ने भी हरक सिंह रावत के घर और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे मारे थे। हरक सिंह के यहां से कुछ भी बरामद होने की सूचना नहीं थी। जबकि, एक अधिकारी के घर से कैश व अन्य सामान बरामद हुआ था। ईडी ने बारी-बारी से सभी अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ की थी। ईडी ने हरक सिंह रावत को फिर से नोटिस भेजकर सोमवार को पेश होने के लिए कहा था, जिसे बाद वह आज फिर ईडी ऑफिस पहुंचे थे।
ये हैं पूरा मामला
दरअसल, साल 2019 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो टाइगर रेंज सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी। लेकिन बिना अनुमति के 6093 पेड़ काट दिए गए थे। तभी ये मामला सुर्खियों में है। इस मामले में कई फॉरेस्ट अधिकारी नप चुके हैं।
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तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत कभी विजिलेंस तो कभी सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। अब ईडी भी हरक सिंह रावत से इस मामले में लगातार पूछताछ कर रही है।