Gallantry Awards: वीरता पदक से सम्मानित उत्तराखंड के वीर जांबाजों की ऐसी है अदम्‍य साहस की दास्‍तान

Gallantry Awards: उत्तराखंड के पैरा कमांडो दिग्विजय सिंह रावत कीर्ति चक्र, ग्रेटनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी और रविंद्र सिंह रावत शौर्य चक्र से सम्मानित। सीएम धामी ने बधाई दी। जानिए इनकी वीर गाथा…


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 जुलाई को सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को अदम्य साहस और असाधारण वीरता के लिए 10 कीर्ति चक्र प्रदान किए, इनमें 7 मरणोपरांत हैं। राष्ट्रपति ने 26 शौर्य चक्र भी प्रदान किए और इनमें भी 7 मरणोपरांत हैं। अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र देश में शांतिकाल का दूसरा और शौर्य चक्र तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। ये सम्मान पाने वालों में तीन देवभूमि के वीर जांबाज भी शामिल हैं।

उत्तराखंड के तीन जांबाजो को मिला वीरता सम्मान 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के पैरा कमांडो दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र, ग्रेटनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी और रविंद्र सिंह रावत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीनों जांबाजों को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि तीनों सैन्य अधिकारियों को मिले सम्मान से उत्तराखंड गौरवान्वित हुआ है।

मेजर रविंद्र सिंह रावत बने आतंकियों के लिए काल

उत्तराखंड के मेजर रविंद्र सिंह रावत के अद्वितीय साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के लिए भारत सरकार की ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। मेजर रावत ने भारतीय सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (राजपूत) में तैनात रहते हुए बहादुरी तथा प्रेरक नेतृत्व का प्रदर्शन कर 11 सफल ऑपरेशन में भाग लिया और 28 आतंकवादियों के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मूल रूप से चमोली जिले के गौचर (अंगोत) निवासी मेजर रावत ने 30 अगस्त 2022 को जम्मू कश्मीर के शोपिया जिले के एक गांव में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को मार गिराया था। इस दौरान मेजर रावत गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे, लेकिन अद्वितीय साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के दम पर उन्होंने आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया।

मेजर रविंद्र की सेना में तीसरी पीढ़ी

वर्तमान में मेजर रविंद्र सिंह रावत का परिवार सेवलाकलां देहरादून में रहता है। उनका पूरा परिवार सेवा से ही ताल्लुक रखता है। बता दें कि वह तीसरी पीढ़ी के रूप में सेना में सेवा दे रहे हैं। उनके पिता बादर सिंह रावत भी सेना से सूबेदार मेजर रैंक से सेवानिवृत्त हुए थे। दादा स्वर्गीय बालम सिंह रावत भी सेना में थे। जबकि बड़ी बहन शशि रावत भी इस वक्त आर्मी मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवारत हैं।

मेजर सचिन ने आतंकियों को किया था ढेर

मेजर सचिन मौजूदा समय में राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन में तैनात हैं। उनके साल 2020 के कार्यकाल को देखते हुए उन्हें शौर्य चक्र दिया गया है। सचिन ने साल 2020 में सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी। एक चेक पोस्ट पर आतंकियों ने अचानक से गोलाबारी करना शुरू कर दिया था, तब सचिन नेगी ने साहस का परिचय देते हुए आतंकियों को ढेर किया था।

पैरा कमांडो दिग्विजय सिंह ने दुश्मनों को सिखाया सबक

श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखने वाले दिग्विजय सिंह रावत ने अपनी शिक्षा श्रीनगर से ही की है, उनके पिता श्रीनगर यूनिवर्सिटी में ही कार्य करते थे। दिग्विजय सिंह रावत साल 2014 में पैरा स्पेशल कमांडो के लिए सिलेक्ट हुए थे। वह एक अच्छे टेनिस खिलाड़ी के साथ-साथ अच्छे कमांडो भी हैं। उनके द्वारा मणिपुर में उस नेटवर्क को ध्वस्त किया गया था, जिसके तहत एक वीआईपी को मणिपुर में निशाना बनाया जाना था, लेकिन उनकी सूझबूझ और खुफिया जानकारी की बदौलत यह घटनाक्रम घटित नहीं हो सकी।

टेक्निकल एंट्री के जरिये सेना का हिस्सा बने दिग्विजय

दिग्विजय सिंह रावत तमाम ऑटोमेटिक हथियार चलाने में माहिर हैं। उनके द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। वहीं 26 मार्च 2023 को एक अन्य आपरेशन के दौरान उग्रवादियों की घुसपैठ की सूचना मिलने पर उन्होंने जाल बिछाया और नजदीकी लड़ाई के बाद तीन आतंकियों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया।

सीएम धामी ने दी बधाई 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के तीनों जांबाजों को अपने एक्स पर उन्हें उनकी उपलब्धि पर बधाई दी और इसे युवाओं के लिए एक प्रेरणा और उत्तराखंड के लिए गौरवान्वित करने वाला पल बताया। उन्होंने कहा कि तीनों अधिकारियों की राष्ट्र सेवा हम सभी को प्रेरित करती रहेगी।

इन्हें मिला मरणोपरांत कीर्ति चक्र

इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास, हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव, कांस्टेबल बबलू राभा, कांस्टेबल शंभू रॉय, सिपाही पवन कुमार, कैप्टन अंशुमान सिंह, हवलदार अब्दुल माजिद।

इन्हें मिला मरणोपरांत शौर्य चक्र

कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी, मेजर विकास भांभु, मेजर मुस्तफा बोहरा, राइफलमैन कुलभूषण मांता, हवलदार विवेक सिंह तोमर, राइफलमैन आलोक राव, कैप्टन एमवी प्रांजल।

 कीर्ति चक्र

मेजर दिग्विजय सिंह रावत, मेजर दीपेंद्र विक्रम बासनेट और नायब सूबेदार पवन कुमार यादव को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।

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शौर्य चक्र

कांस्टेबल गमित मुकेश कुमार, सब इंस्पेक्टर अमित रैना, सब इस्पेक्टर फिरोज अहमद डार, कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह, कांस्टेबल वरुण सिंह, पुलिस अधीक्षक मोहन लाल, मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट, मेजर रवीन्द्र सिंह रावत, नायक भीम सिंह, मेजर सचिन नेगी, मेजर मानेओ फ्रांसिस, विंग कमांडर शैलेश सिंह, लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बहेरा,हवलदार संजय कुमार, फ्लाइट लेफ्टिनेंट हरिकृष्ण जयन, कैप्टेन अक्षत उपाध्याय, नायब सूबेदार संजय कुमार, मेजर अनदीप जाखड़, परसोत्तम कुमार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।