Garhwal: पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाने के मामले में प्रधान सहित 5 को जेल, जुर्माना भी लगा

पौड़ी जिले के पाबौ क्षेत्र में पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाने के मामले में पांच लोगों को दोषी मानते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने बुधवार को सजा सुनाई। मामले में कोर्ट ने तत्कालीन ग्राम प्रधान और चार अन्य को एक-एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा के साथ ही 3,500 रुपए के अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

क्या था पूरा मामला?

पाबौ ब्लॉक के भट्टी, सरणा, कुलमोरी व सपलोड़ी समेत कई गांवों में वर्ष 2022 में गुलदार आतंक मचा रहा था। उसने एक महिला को भी मार डाला था। इससे ग्रामीणों में आक्रोश था। वन विभाग द्वारा लगाए एक पिंजरे में 24 मई 2022 की सुबह एक गुलदार कैद हो गया था। ग्रामीणों ने पिंजरे में कैद इस गुलदार को जिंदा जला दिया था। वन विभाग ने घटना को अमानवीय बताते हुए कोतवाली पौड़ी में तहरीर दी थी।  जिस पर एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच पाबौ पुलिस चौकी के एसआई दीपक पंवार को सौंपी गई।

आक्रोशित लोगों ने गुलदार को जिंदा जलाया 

तहरीर में बताया गया था कि सपलोड़ी गांव में 15 मई 2022 को जंगल गई महिला पर घात लगाए गुलदार ने हमला कर उसकी जान ले ली थी। जिसके बाद वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया था। इस पिंजरे में 24 मई 2022 को एक गुलदार फंस गया था। जब वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पिंजरे में फंसे गुलदार को नागदेव रेंज कार्यालय ले जा रहे थे। तभी सपलोड़ी के ग्राम प्रधान अनिल कुमार और आस-पास के सरणा एवं कुलमोरी गांवों के करीब 150 लोग वहां आ गए। आक्रोशित लोगों ने पिंजरे में बंद गुलदार को वन विभाग के कर्मचारियों से छीनने के लिए धक्का-मुक्की की। गुस्साए लोगों ने वन विभाग की टीम से पिंजरा छीन लिया। जिसके बाद लोगों ने पिंजरें पर घास और पेट्रोल डालकर गुलदार को जिंदा जला दिया।

तत्कालीन ग्राम प्रधान समेत पांच आरोपियों को सजा

पुलिस ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,लोक सेवक के कामकाम में बाधा समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था। जिसकी जांच पाबौ चौकी के प्रभारी पुलिस उपनिरीक्षक दीपक पंवार ने की। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की।

ये भी पढ़ें 👉:मोटा मुनाफा और सस्ती जमीन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड भगवाधारी गिरफ्तार

मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की अदालत ने सपलोड़ी के तत्कालीन ग्राम प्रधान अनिल नेगी, चोपड़ा निवासी देवेंद्र सिंह व सरणा निवासी सरिता देवी, भुवनेश्वरी देवी और कैलाशी देवी को दोषी माना। जिन्हें अदालत ने एक साल की कारावास और 3,500 रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वहीं, अर्थदंड न जमा करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।