राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने विजय दिवस के अवसर पर शौर्य स्थल, देहरादून में मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मौजूद सैन्य अधिकारियों और पूर्व सैनिकों से मुलाकात कर उन्हें विजय दिवस की शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि विजय दिवस, भारतीय सेना के सशस्त्र बलों के साहस, वीरता, शौर्य तथा पराक्रम का अद्वितीय उदाहरण है। 16 दिसंबर 1971 का दिन भारत के इतिहास में वह गौरवशाली क्षण था जब हमारे वीर सैनिकों ने अपने शौर्य, पराक्रम और बलिदान से एक नई गाथा लिखी थी। मात्र 13 दिनों में इस विजय अभियान को अंजाम देकर हमारे वीर योद्धाओं ने अपने पराक्रम का लोहा मनवाया और दुश्मनों के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित किया।
उन्होंने कहा कि इस निर्णायक एवं रणनीतिक विजय की गाथा प्रत्येक भारतीय को जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे वीर योद्धाओं की गाथा देशवासियों को हजारों सालों तक प्रेरित करती रहेगी कि किस प्रकार राष्ट्र की सम्प्रभुता और अखंडता के लिए हमारे बहादुर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
राज्यपाल ने कहा कि इस विजय के दौरान देश के सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित की गई असाधारण वीरता को देश कृतज्ञता के साथ याद करता है, उनके अद्वितीय साहस एवं बलिदान की कहानियां प्रत्येक देशवासी को जानना जरूरी है।