Haridwar: हरिद्वार से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची, लेकिन डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ ने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया। फिर दर्द से कराहती प्रसूता ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
घटना सोमवार रात की है, जब ब्रह्मपुरी से एक आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिला लेकर डिलीवरी कराने के लिए पहुंची। पहले तो महिला डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। कहा कि अभी बच्चा पैदा नहीं हो रहा है। इसलिए यहां से चली जाएं लेकिन गर्भवती महिला को दर्द बढ़ता गया, वह फर्श पर ही तड़पने लगी। यह देखने के बाद भी महिला डॉक्टर ने आशा कार्यकर्ता को महिला को ले जाने के लिए जोर दिया। जब वह गर्भवती को लेकर नहीं गई तो उसके साथ अभद्रता भी की गई।
मामले में जब किसी ने भी महिला की मदद नहीं की। इस पर आशा कार्यकर्ता ने हिम्मत दिखाते हुए महिला को किसी तरह बेड तक पहुंचाया। कुछ देर बाद बिना डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के महिला की डिलीवरी काफी जोखिम पूर्ण तरीके से हो गई। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।
बेटी के जन्म लेने के बाद महिला डॉक्टर के होश उड़ गए। उसने अपनी गर्दन बचाने के लिए महिला को आनन फानन में भर्ती कर लिया। फिलहाल जच्चा-बच्चा महिला अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए महिला चिकित्साधिकारी डॉ. सलोनी पंथी की सेवाएं तत्काल समाप्त कर दी हैं। साथ ही लापरवाह नर्सिंग स्टाफ पर भी सख्त एक्शन लिया गया है। जांच अधिकारी CMS रणवीर सिंह ने साफ कहा है कि अमानवीय घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।