Haridwar: मनरेगा में घपलेबाज़ी पर हरिद्वार प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है। गड़बड़झाले की शिकायतों के बाद दो ग्राम विकास अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। बहादराबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत गढ़ और आन्नेकी में मनरेगा के कामों में गड़बड़ी पाई गई। जांच में दोषी पाए जाने पर ग्राम विकास अधिकारी रविंद्र सैनी और प्रमोद सैनी पर गाज़ गिरी। जिला विकास अधिकारी ने दोनों को फौरन निलंबित कर दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता पाए जाने पर ब्लॉक भगवानपुर की इब्राहिमपुर मसाही के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी विनय प्रताप की भी स्थायी रूप से एक वर्ष की वेतन वृद्धि पर रोक दी गई है। उन्हाेंने प्रधानमंत्री आवास योजना के फोटो मानकों के अनुरूप भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड नहीं किए थे। इसकी जांच ग्राम्य विकास विभाग के परियोजना निदेशक (पीडी) केएन तिवारी ने की थी, जिसमें ग्राम विकास अधिकारी दोषी पाया गया। इस लापरवाही को परियोजना निदेशक ने गंभीर लापरवाही मानते हुए यह कार्रवाई की है।
मुख्य विकास अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि मृतक व्यक्ति के मास्टर रोल निकाले गए थे जिसमें जांच बैठाई गई थी। जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन भ्रष्टाचार के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति पर कायम है और सभी अधिकारियों को नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।